केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हिंसक विरोध के एक सप्ताह बाद एक विशेष पूजा के लिए सबरीमाला मंदिर के कपाट सोमवार की शाम को फिर खोले जाएंगे।
10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन से सबक लेते हुए इस बार केरल सरकार ने पुरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
पुलिस ने कहा कि 20 सदस्यीय कमांडो टीम और 100 महिलाओं सहित 2,300 पुलिस कर्मियों को भगवन अयप्पा के शांतिपूर्ण दर्शन और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो 50 वर्ष से ऊपर की उम्र की सर्कल इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात महिला पुलिस को सुरक्षा के लिए ‘सनिधनम’ (मंदिर परिसर) में तैनात किया जाएगा।
मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दूसरी बार मंदिर को खोला जा रहा है।
पिछले महीने 10-50 वर्ष के आयु वर्ग में एक दर्जन महिलाओं को मंदिर तक पहुंचने से रोकने के लिए अयप्पा भक्तों ने एक आंदोलन चलाया था जिसमे उन्होंने अपने रीति-रिवाजों और विश्वासों को “रक्षा” करने की मांग की थी। लेकिन मंदिर खुलने के दिन ये आंदोलन हिंसक हो गया था।
केरल सरकार के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के प्रयासों के मद्देनजर हजारों लोग सड़कों पर उतर आये थे जिसके कारण पुलिस और भक्तों के बीच युद्ध की स्थिति उत्त्पन्न हो गई थी।
मंदिर शाम 5 बजे “श्री चिटिरा अट्टा थिरुनाल” विशेष पूजा के लिए खुलेगा और त्रावणकोर चिथिरा थिरुनाल बलराम वर्मा के अंतिम राजा के जन्मदिन को मनाने के बाद अगले दिन रात बजे 10 बजे बंद हो जाएगा।
मंदिर के तंत्री कंधाररू राजीववार और मुख्य पुजारी उन्नीकृष्णन नंबूदिरी संयुक्त रूप से मंदिर के दरवाजे खोलेंगे और ‘श्रीकोविल’ के दीप को प्रज्वल्लित करेंगे।
मंदिर में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबन्ध की खबरों को गलत बताते हुए केरल पुलिस के डीजीपी लोकनाथ बहरा ने कहा कि मंदिर में मीडिया के प्रवेश पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है।
अयप्पा मंदिर से जुड़ा हुआ पांडलम शाही परिवार ने कहा कि हमेशा शांत रहने वाले मंदिर परिसर के आस पास भारी सुरक्षा देख बहुत पीड़ा हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस सुरक्षा के बीच भक्तों को प्रार्थना करते देखना बहुत दुखदायी है।
विश्व हिन्दू परिषद् और सबरीमाला कर्मा समिति ने मीडिया हाउस से आग्रह किया है कि वो मंदिर में ख़बरों की कवरेज के लिए 10 से 50 उम्रवर्ग की महिला पत्रकारों के न भेजे।