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    भारतीय जनता पार्टी

    अयोध्या में राम मंदिर की मांग पर सरकार पर दवाब बनने के उद्देश्य से अखिल भारतीय संत समिति ने रविवार को केंद्र सरकार से मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश या कानून लाने की मांग की।

    संतो ने अपने अनुयायियों और हिंदुओं से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि नरेंद्र मोदी सरकार 2019 में सत्ता में वापस लौटे। संतो ने लोगों से अपील की कि लोगों को उन्हें वोट देना चाहिए जिन्हे ‘गाय, गंगा, गीता, गायत्री और गोविंद’ में विश्वास है।

    संत समिति ने 25 नवंबर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरू में तीन और “धर्म सभा” की घोषणा की और 9 दिसंबर को दिल्ली में संत समाज के एक बहुत बड़े समागम की भी घोषणा की। संत समाज ने कहा कि 18 दिसंबर से देश भर में 500 और ऐसी बैठकें आयोजित की जाएंगी।

    विभिन्न मुद्दों पर आयोजिय संतों के’ धर्मादेश’ में बोलते हुए समिति के प्रमुख हंसदेवाचार्य ने कहा, ‘अगर जिन्दा रहना है, मठ- मंदिर बचाना है, बहन-बेटी बचाना है, संस्कृति और संस्कार बचाना है तो इस सरकार को दोबारा ले कर आना है।

    हंसदेवाचार्य ने कहा कि संत समाज की जो भी इच्छाएं और उद्देश्य है वो सिर्फ वर्तमान सरकार ही पूरा कर सकती है कोई अन्य सरकार नहीं।  उन्होंने कहा ‘अपना देश भी बचाओ, अपनी संस्कृति भी बचाओ और भारत के अंदर यही सरकार 2019 में वापस लाओ। जय श्री राम’

    मंदिर निर्माण में हो रही देरी पर निराशा जताते हुए हंसदेवाचार्य ने कहा कि ‘मंदिर निर्माण के रास्ते में आ रही बाधाओं से संतों का ह्रदय दुखी है लेकिन हम संतुष्ट भी हैं कि सरकार राष्ट्र, धर्म, संस्कृति, राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय गौरव के क्षेत्र में काम कर रही है।

    पुणे के संत गोविन्दो गिरि ने कहा कि ‘कुछ ताकतें सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही थीं। मध्यप्रदेश में सरकार के खिलाफ “साजिश” शुरू हो गई थी।’ गिरि ने कहा, ‘हमें भविष्य में योजना बनाने के दौरान ध्यान में रखना चाहिए कि हमारी केंद्र सरकार को किसी भी स्थिति में अस्थिर होने का खतरा उत्पन्न ना हो।’ उन्होंने कहा कि संत समाज की हार्दिक इच्छा है कि भाजपा की अगुआई वाली सरकार वापस लौटे।

    सभा ने तीर्थयात्रा को बढ़ावा देने के लिए एक नया ‘तीर्थान मंत्रालय’ बनाने का सुझाव दिया जो यह सुनिश्चित कर सके कि तीर्थ यात्रियों को कोई परेशानी न हो और तीर्थ स्थल, पर्यटन स्थलों में न बदल पाए। उन्होंने पवित्र गंगा नदी की रक्षा के लिए एक ‘राष्ट्रीय गंगा नदी अधिनियम’ और गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ‘गौ मंत्रालय’ की भी मांग की।

    धर्मादेश ने सरकार से रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने और उन्हें देश से निर्वासित करने को कहा। संतों ने 1947 के बाद के वर्षों से अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए देश भर में जनसंख्या में असंतुलन और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) में पंजीकृत करने के लिए एक समान नागरिक संहिता और “राष्ट्रीय आबादी नीति” की मांग की।

    इस दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले वासुदेवनंद महाराज ने मांग की थी कि देश की राजधानी का नाम दिल्ली हटा कर हमारी परंपरा के अनुसार इंद्रप्रस्थ में बदला जाना चाहिए क्योंकि दिल्ली नाम मुसलमान शासकों और अंग्रेजों ने दिया था।

    आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि देश की जनता अयोध्या में भव्य राम मंदिर देखना चाहती है। इसके सिर्फ तीन ही रास्ते हैं – एक बातचीत, दूसरा- सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्दी फैसला और तीसरा- सरकार द्वारा क़ानून बना कर।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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