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    सबरीमाला मंदिर

    भाजपा और कांग्रेस दोनों ने उत्तर केरल के कासरगोड जिले से शनिवार को सबरीमाला मंदिर की “परंपराओं और रीति-रिवाजों” की रक्षा के लिए सड़क रैलियों की शुरुआत की। दोनों ही पार्टियां सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देने के फैसले के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए बेचैन हैं।

    भाजपा की केरल अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई की अगुवाई “सबरीमाला बचाओ रथ यात्रा” को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस येदुरप्पा ने झंडी दिखा कर रवाना किया। एनडीए संयोजक और भरत धर्म जन सेना प्रमुख थूशर वेल्लप्पाली भी रैली में भाग ले रहे हैं।

    सिर्फ 20 किमी दूर और छः घंटों के अंतराल के बाद, कांग्रेस ने पाराला से राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष के सुधाकरन की अगुआई में अपने ‘पद्यत्र’ को शुरू किया। कांग्रेस एर्नाकुलम, आलप्पुषा, थोडुपुझा, पलक्कड़ और राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम से “सुरक्षा विश्वास” के नारे के साथ पांच अलग-अलग रैलियों को रवाना किया। ये सभी रैलियां पठानमथिट्टा में भी संपन्न होंगे।

    दोनों पार्टियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के केरल सरकार के प्रयासों का विरोध कर रही है। 2019 के चुनावों के मद्देनजर दोनों पार्टियां खुद को केरल के संस्कृति की हितैषी दिखाना चाहती है और दोनों पार्टियों में इस बात की जंग है कि कौन अयप्पा भक्तों के विरोध प्रदर्शन को लीड करेगा।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब मंदिर को पहली बार खोला गया तो महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ काफी हिंसक प्रदर्शन हुआ था।

    भाजपा की रथयात्रा को रवाना करते हुए येदुरप्पा ने कहा कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है।

    उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ नहीं है, लेकिन लोगों की भावनाओं का भी सम्मान किया जाना चाहिए। जब ​​90 प्रतिशत महिला भक्त आदेश के खिलाफ हैं, तो इसका विरोध करना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि हमारे जैसे बड़ी पार्टी को समर्थन देना चाहिए जहां देश में वास्तविक विरोध हैं।’

    कांग्रेस के के सुधाकरन ने मुख्यमंत्री पर अपना हमला किया। उन्होंने कहा, “यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री जैसे सैकड़ों लोग भी अनुष्ठान और रीति-रिवाजों को नहीं बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि सबरीमाला जैसे उच्च स्थान को दंगा स्थान में परिवर्तित न करें।”

    केरल के मुख्यमंत्री विजयन जिन्होंने बार-बार कहा है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन करने से पीछे नहीं हटेंगे, उन्होंने गुरुवार को बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा।

    फिलहाल सबरीमाला एक राजनितिक मसला बन गया है और 2019 के चुनावों तक दोंनो पार्टियां इस मुद्दे को अपने अपने पक्ष में भुनाना चाहती है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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