राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट नें हाल ही में हिंदुस्तान टाइम्स से आगामी लोकसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की।
राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहाँ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) क्लीन स्वीप करने की बात कह रही है। आपका क्या मानना है?
मुझे लगता है कि यह बीजेपी एक भ्रम फैला रही है क्योंकि हाल ही में बीजेपी नें विधानसभा चुनाव हारे हैं। आपको भूलना नहीं चाहिए कि बीजेपी के 200 में से 165 विधायक थे। इसकी संख्या घटकर 70 रह गयी है, जिसका मतलब है पार्टी को 95 सीटों का घाटा हुआ है।
पांच साल पहले हमारे सिर्फ 21 विधायक थे, जो अब बढ़कर 101 हो गए हैं।
हम कोशिश कर रहे हैं कि हम राजस्थान में 25 सीटें जीतें और लोग भी यही चाह रहे हैं।
बीजेपी राजस्थान में नेता के बिना चुनाव लड़ रही है। वसुंधरा जी केंद्र में चली गयी हैं। मुझे नहीं लगता उनके अलावा किसी और की यहाँ इतनी पहुँच है। उन्होनें एक मंत्री को मंत्रिमंडल से हटा दिया है, यह दिखा रहा है कि वे बहुत नर्वस हैं।
2008 में हम अल्पसंख्यक सरकार थे, लेकिन उसके बावजूद हमें 25 में से 20 सीटें मिली थी। इस बार हम उससे बेहतर करेंगे।
क्या आपको लगता है कि पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक का चुनावों पर कुछ फर्क पड़ेगा?
जब भी देश पर कोई संकट होता है तो चाहे कोई भी सरकार या प्रधानमंत्री हो, सेना ऐसे ही जवाब देती है। सेना के साहस और बलिदान का हम सभी सम्मान करते हैं।
लेकिन क्या ये सही है कि हम उनके बलिदान के पीछे छुपकर पिछले पांच सालों की नाकामयाबियों को छुपायें?
पांच साल पहले भीड़ द्वारा जान से मार देना और गौरक्षक जैसे शब्द नहीं थे। बीजेपी की विभाजन की राजनीती की वजह से हम ये सुन रहे हैं। इन्होनें समाज में दरार बना दी है।
यदि सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ रहा है कि आप धर्म और सेना जैसे मुद्दों पर राजनीति नहीं कर सकते हैं तो यह दिखाता है कि आपके पास दिखाने को कुछ नहीं है।
लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए आप राम मंदिर, पाकिस्तान, हिन्दू-मुस्लिम जैसे मुद्दों को उजागर करते हो। आज बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है। गैस का सिलिंडर 1000 रुपए का बिक रहा है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, अर्थव्यवस्था की हालत खराब है।
मुझे लगता है कि ये चुनाव देश के खेतों में लड़ें जायेंगे, गांवों में लड़ें जायेंगे, लोगों के रोजी-रोटी जैसे मुद्दों पर लड़ें जायेंगे।
लेकिन बीजेपी कहती है नरेन्द्र मोदी की मजबूत सरकार ही ऐसे फैसले ले सकती है?
आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि जब इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थी तो उन्होनें 1 लाख पाकिस्तान सैनिकों को बंदी बनाया था और बांग्लादेश बनाया था।
अब तक हमारी सेनायें राजनीति से दूर रही हैं और यह एक अच्छी बात है। पुरे इस प्रायद्वीप पर भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ सेना राजनीति से दूर रहती है। हमें सेना पर पूरा भरोसा है और उसपर कोई सवाल नहीं उठाता है।
सवाल यह उठता है कि क्या विदेशों से काला धन आ गया, क्या सबसे खाते में 15 लाख रुपए जमा हो गए हैं, क्या हर साल 2 करोड़ रोजगार जमा हो गए हैं, नोटबंदी से क्या हासिल हुआ है?
बीजेपी ऐसे सवालों के जवाब नहीं देना चाहती है।
क्या आपको लगता है कि न्याय योजना का कोई असर पड़ेगा?
यह योजना एक खेल बदलने वाली योजना साबित होगी। एक ओर मोदीजी नें किसानों को साल के 6000 रुपए देने का वादा किया है, दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी देश के सबसे गरीब 20 फीसदी परिवारों को महीने के 6000 रुपए देने जा रही है।
जब हमनें मनरेगा की शुरुआत की थी, तब बीजेपी के नेताओं नें हमारा मजाक उड़ाया था। अब की सरकार भी पहले इसका मजाक बनाती थी लेकिन इनमें इतना साहस नहीं था कि उसे बंद करा सके।
उसी तरह न्याय भी एक बेहतरीन योजना है और हमें यह पता करने में एक साल लगा गया कि हमें कितना देना है और कैसे करना है। हमारे पास तकनीक है, बैंक अकाउंट हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह पैसा घर की महिला के पास पहुंचे। बीजेपी के पास इसका कोई जवाब नहीं है।