भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर ने सैंटा क्लॉज़ के रूप में 25 दिसंबर के दिन कपड़े पहने और ऐशरे चाइल्ड केयर सेंटर में कुछ बच्चों से मिले। बल्लेबाजी के दिग्गज ने बच्चो को आश्चर्यचकित किया जब वह उनके सामने सैंटा के कपड़े पहनकर आए। तेंदुलकर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक वीडियो डाली है और लिखा है मासूम चहरों पर खुशी अनमोल है।
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इससे पहले सचिन ने आईसीसी द्वारा पर्थ पिच को रेट किए गए मिले अंक के ऊपर अपने नाराजगी जाताई थी। जहा भारत और ऑस्ट्रेलियाई टीम ने चार टेस्ट मैचो की सीरीज की दूसरा टेस्ट मैच खेला था।
अपने ट्विटर हैंडल का इस्तमाल करते हुए, 45 साल के इस खिलाड़ी ने कहा था हमें टेस्ट क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए पर्थ जैसी पिचो की जरूरत है और कहा था कि यह ट्रैक कोई औसत ट्रैक नही था।”
उन्होंने कहा, “पिचें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने और उत्साह उत्पन्न करने के लिए, हमें पर्थ में अधिक पिचों को प्रदान करने की आवश्यकता है, जहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों के कौशल का सही मायने में प्रशिक्षण किया जाता है। यह पिच किसी भी तरह से “औसत” नहीं थी।”
आईसीसी ने पर्थ पिच को ’औसत’ रेटिंग दी थी जो कि टेस्ट ग्राउंड की पिच और आउटफील्ड का मूल्यांकन करते हुए वैश्विक शासी निकाय द्वारा प्रदान किया गया सबसे कम संभव पास मार्क है।
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइनकल वॉन ने भी आईसीसी के इस फैसले पर अपनी निराशा जताई थी। जहां जॉनसन ने कहा था ” पिच के साथ कुछ गलत नहीं था” और इंग्लैंड के माइकल वॉन ने कहा पिच ” काफी रोमांचक” थी।