हैदराबाद के निवासी ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भारतीय दूतावास का शुक्रिया अदा किया है क्योंकि उन्होंने व्यक्ति को बचाया और वापस भारत भेजा था। एएनआई से बातचीत करते हुए हाफ़िज़ मोहम्मद बहाउद्दीन ने कहा कि “भारतीय दूतावास के अधिकारीयों ने मुझे बचाया और मुझे टिकट दिया और मुझे वापस भेज दिया था। मैं 29 अप्रैल को हैदराबाद पंहुचा था। मैं सुषमा स्वराज और भारतीय दूतावास का शुक्रया अदा करना चाहता हूँ।”
उन्होंने कहा कि “वह हैदराबाद के एक मदरसे में क़ुरान के शिक्षक के तौर पर कार्य करते थे लेकिन एक एजेंट ने उन्हें सऊदी अरब की अल बहाह शहर के मस्जिद में नौकरी का प्रस्ताव दिया था। मैंने उसे स्वीकार कर लिया और मुझे इसके लिए 95000 प्रतिमाह दिए जा रहे थे।”
हाफिज ने बताया कि “मुझे 21 अप्रैल को अल बहाह भेजा गया था। लैंड होने के बाद मुझे एक जगह पर ले जाय गया और एक सफाई करने वाले की नौकरी दी गयी थी। मेरे बॉस सुबह से रात तक अपने दफ्तर में काम करवाते थे, कुछ दिनों काम करने के बाद मैं बीमार हो गया लेकिन बॉस ने मुझे अस्पताल ले जाने से इंकार कर दिया था।”
हाफ़िज़ ने सऊदी अरब में उसके साथ हुए दुर्व्यवहार के बाबत अपनी बीवी को बताया और उनकी पत्नी ने सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर अपने पति को बचाने की अपील की थी।
उन्होंने कहा कि “मेरे साथ हो रहे व्यवहार के बारे में मैंने अपनी पत्नी को सारी जानकारी दी थी। उन्होंने इस मामले में चिट्ठी के जरिये सुषमा स्वराज से शिकायत की और भारतीय सूतवास से मुझे बचाने की अपील की थी। मैं बहुत बीमार था और वहां संघर्ष कर रहा था।” हफ़ीज़ अब अपने परिवार के साथ है।