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    दिवार गिरी

    रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में निर्मित हथियारों को सऊदी अरब और उसके गठबंधन सहयोगियों ने यमन में अलकायदा से संबंधित चरमपंथियों को मुहैया किये हैं और अमेरिका के साथ किये समझौते का उल्लंघन किया है।

    अल जजीरा के मुताबिक यह हथियार ईरानी समर्थित विद्रोहियों के पास भी है जो मुल्क पर अपना नियंत्रण चाहते हैं। इस रिपोर्ट से अमेरिका की संवेदनशील सैन्य तकनीक का खुलासा हुआ है।

    इस जंग में अमेरिका के साथ सऊदी अरब और यूएई साझेदार है। अमेरिकी निर्मित हथियार को तीसरी पार्टी को देकर सऊदी ने अमेरिका के साथ हुआ आर्म्स सेल्स के मानदंडों का उल्लंघन किया है।

    अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर तहकीकात जारी कर दी गयी है। पिछली रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल सऊदी के गठबंधन द्वारा किया जा रहा है। इससे दर्जनों नागरिको की मौत हुई है, इसमे अधिकांश बच्चे थे।

    इस्तांबुल में जमाल खशोगी की हत्या के बाद यमन में सऊदी नेतृत्व की जंग में अमेरिका कई भूमिका जांच के दायरे में आ गयी है। कई सांसदों को यकीन है कि जमाल खशोगी की हत्या क्राउन प्रिंस के ही आदेश पर हुई है।

    पिछले माह अमेरिकी सीनेट में यमन में अमेरिकी सेना के सहयोग के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया था। इसमें पश्चिमी समर्थित सुन्नी मुस्लिमों का गठबंधन के साथ सूचना साझा करना और हथियार मुहैया करना भी था। अमेरिकी उप सहायक सचिव टिमोथी लान्देर्किंग ने कहा कि हमारे प्रशासन पर दबाव है…या तो इस गठबंधन का सहयोग न करे या इस विवाद से पीछे हट जाए, जिसकी हम मजबूती से खिलाफत करते हैं।

    उन्होंने कहा कि हमें यकीन है कि  इस गठबंधन का सहयोग जरुरी है। उन्होंने कहा कि सहयोग वापस लेने से गलत सन्देश जायेगा। हाल ही में सऊदी अरब ने अमेरिका के बेस से अपने जहाजों में ईंधन न भरने के फैसले का ऐलान किया था।

    यमन दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल टैंकर के व्यापार मार्ग रेड सी से लगता है। यह विवाद मुख्यतः सऊदी अरब और उस कट्टर दुश्मन ईरान के बीच कथित जंग है। यमन के हूथी विद्रोहियों को तेहरान का समर्थन प्राप्त है जबकि यमन की सरकार की सेना को यूएई-सऊदी गठबंधन का समर्थन है।

    हौथी विद्रोहियों ने सबसे अधिक जनसंख्या वाले शहर सना पर अपने नियंत्रण के लिए सऊदी अरब के शहरों पर मिसाइल हमले किये थे, जब साल 2014 में हादी की सरकार बर्खास्त हुई थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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