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    यूएन के निगरानीकर्ता समूह ने कहा कि उत्तर कोरिया अपनी बैलिस्टिक और न्यूक्लियर मिसाइल के संरक्षण को सुनिश्चित करने पर कार्य कर रहा है, ताकि उसकी मिसाइल ध्वस्त न हो सके। फरवरी में दूसरे शिखर सम्मेलन का आयोजन अमेरिका व उत्तर कोरिया कर रहा है। उत्तर कोरिया में अमेरिकी राजदूत स्टीफेन बेगुन ने बुधवार को पियोंयांग में उत्तर कोरिया के समकक्षियों से मुलाकात की थी।

    स्टीफेन बेगुन ने रविवार को दक्षिण कोरिया के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य वार्ता के लिए रोडमैप तैयार करना और आगे  घोषणा की है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह और अमेरिका समझौता कर उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण करना है। यानी उत्तर कोरिया की प्रमुख मिसाइल साइट योगबयों को ध्वस्त करने है।

    यूएन के निगरानी समूह 15 पन्नों की गोपनीय रिपोर्ट को 15 सदस्यीय समिति के समक्ष पेश किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार डेमोक्रेटिक पीपलस रिपब्लिक ऑफ कोरिया अपने हथियारों की असेंबली, स्टोरेज और टेस्टिंग लोकेशन को छिपाने की कोशिश कर रहा है।

    डोनाल्ड ट्रम्प और किंम जोंग उन के।मध्य पहला शिखर सम्मेलन बीते वर्ष जून में हुआ था। इसमे किंम जोंग उन ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता दिखाई थी।

    दोनो नेताओं की आगामी बैठक के लिए विएतनाम का  दानंग रिसोर्ट उचित है। यूएन कि रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंध असरदार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह गैरकानूनी तरीके से पेट्रोलियम उत्पादों और कोयले का निर्यात कर रहे हैं। उनके पास सबूत है कि पांच करोड़ 70 लाख डॉलर से अधिक का पेट्रोलियम उत्पाद सप्लाई किया गया है।

    दक्षिण कोरिया के साथ साल 2014 में समझौता बीते वर्ष समाप्त हो चुका है। जिसमे दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिको की तैनाती के लिए 848 मिलियन डॉलर की रकम अदा की जाती है। हालांकि इस डील को दोबारा शुरू करने के बाबत बातचीत हुई थी लेकिन कोई परिणाम निकलकर नही आया है।

    उन्होंने कहा कि “उत्तर कोरिया ने कई बार परमाणु निरस्त्रीकरण करने और हथियारों को समाप्त करने के बदले कुछ ख़ास रियायत नहीं देने की बात कही है। बार-बार उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों को खत्म करने और सुरक्षा की गारंटी देने का आग्रह किया है।” उन्होंने कहा कि “जब तक उत्तर कोरिया पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण नके लिए तत्पर नहीं होता, अमेरिका प्रतिबंधो से निजात नहीं देगा। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि जब तक हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे और वह सब भार उठाएंगे।”

    उत्तर कोरिया की मांग के बाबत उन्होंने कहा कि “उन्हें परमाणु साईट पर जानकारों और निगरानी तंत्र की पंहुच को मंज़ूरी देना जरुरी है। हालांकि पियोंग्यंग इस इस दिशा में अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।” उन्होंने कहा कि “ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक डैन कोट ने कांग्रेस में कहा था कि उत्तर कोरिया की परमाणु निरस्त्रीकरण करने की इच्छा नहीं है।”

    स्टेफेन बेगुन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति कोरिया में शांति का एक नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प युद्ध और दुश्मनी के सात दशक के इतिहास को अब परिवर्तित करना चाहते हैं। उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में सकारात्मक पहल करने की जरुरत है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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