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    यमन सऊदी अरब अकाल

    यमन में संकट काफी गहरा चुका है। लेकिन सऊदी अरब प्रशासन अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। सऊदी अरब ने 5 नवंबर को देश के बंदरगाहों को बंद करने का आदेश दिया था। अब यमन में इस वजह से संकट बढ़ गया है। यमन के लाखों लोगों को सहायता नहीं मिल पा रही है। जिस वजह से लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो सकती है।

    लेकिन सऊदी अरब प्रशासन किसी भी तरह की सहायता को यमन में पहुंचाने की अनुमति नहीं दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र की माने तो यमन में हालात काफी बिगड़ चुके है। यहां पर रोजाना 130 बच्चे मर रहे है।

    लाखों लोगों के जीवन पर संकट

    यहां के लाखों लोगों का भोजन का संकट गहरा गया है। इन्होंने चेतावनी दी है कि अगर यमन में तत्काल मदद नहीं पहुंचाई गई तो लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

    विश्व खाद्य कार्यक्रम यूनिसेफ के प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यमन के लोगों को भोजन, दवाएं व इलाज की सख्त जरूरत है। यहां के लाखों लोग भूखमरी में जीने को मजबूर है। साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे बीमारियों से ग्रस्ति हो चुके है।

    यमन में करीब 20 लाख लोगों में से 11 लाख से अधिक बच्चों को सहायता की सख्त जरूरत है। लेकिन सऊदी अरब प्रशासन ने यमन में प्रवेश करने के सभी रास्तों को बंद कर रखा है। जिस वजह से राहत सामग्री यमन के लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।

    संयुक्त राष्ट्र के आंकडों के मुताबिक यमन में भूखमरी व अकाल की वजह से हैजा जैसी खतरनाक बीमारी बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि अगर यमन में प्रवेश करने से प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो हैजा भारी संख्या में लोगों की जिंदगी ले लेगा।