Thu. May 2nd, 2024
saudi arab and india

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दो दिवसीय भारत यात्रा पर आतंकवाद के प्रति कड़ा रवैया दिखाया था। लेकिन क्राउन प्रिंस की यात्रा से भारत और सऊदी अरब के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ा था।

भारत और सऊदी अरब का संयुक्त बयान

संयुक्त बयान में दोनों राष्ट्रों ने आतंकवाद की सख्त लहजे में निंदा की थी। उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की थी। उन्होंने आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए सख्त रवैये से इंकार कर दिया और आतंकी ढांचों को तबाह करने का आग्रह किया, साथ ही आतंकियों को वित्तपोषित करने वाले देशों पर के खिलाफ कहा था।

उन्होंने आतंकियों और उनके संगठनों को यूएन द्वारा व्यापक प्रतिबंधित करने की महत्वता को बताया था। यह सऊदी अरब का पाकिस्तान पर प्रभाव और सल्तनत की वहबिसम से नजदीकी को दर्शाती है।

बयान में पाकिस्तान का नाम शामिल क्यों नहीं था

क्राउन प्रिंस ने अपने संयुक्त भाषण में पाकिस्तान का नाम शामिल नहीं किया, लेकिन भारत को इसकी उम्मीद भी नहीं थी क्योंकि सऊदी और पाकिस्तान के नजदीकी रिश्ते हैं। न ही उन्होंने पाकिस्तान में स्थित आतंकी समूहों का नाम लिया। ईरान और सऊदी की दुश्मनी है और ईरानी विद्रोहियों से रियाद को काफी दिक्कते हैं, लेकिनभरत के ईरान के साथ अच्छे सम्बन्ध है, इसलिए भारत ने कभी उसका नाम नहीं लिया। ऐसे पाकिस्तान में सऊदी-पाक संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र नहीं किया गया था।

जनता के हित

क्राउन प्रिंस ने 850 भारतीयों को जेल से रिहा करने का ऐलान किया और हज जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि की घोषणा की है।

उनकी यात्रा से रक्षा सहयोग और ख़ुफ़िया सहभागिता, दो क्षेत्रों को मज़बूती मिली है। दोनों देशों के सुरक्षा सलाहकारों की रक्षा पर विस्तृत वार्ता का ऐलान किया और एक आतंकवाद पर एक संयुक्त कार्यकारी समूह कार्य करेगा।

आर्थिक सम्बन्ध

मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि भारत 100 करोड़ के निवेश को आकर्षित कर रहा है। दोनों देशों ने कृषि, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, ऊर्जा और खनन में निवेश पर रज़ामंदी जाहिर की है। सऊदी की अरामको कंपनी ने कहा कि वह भारत की रिलायंस इंडस्ट्री व अन्य समूहों से अधिक परियोजनाओं के बाबत बातचीत कर रहे हैं।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *