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    सुषमा स्वराज

    संयुक्त राष्ट्र के 73वीं बैठक में 95 राज्यों के प्रमुख, 4 उपराष्ट्रपति, 3 उपप्रधानमंत्री सहित कई दिग्गज नेता एकत्रित होंगे।

    पिछले दरवाजे से कूटनीति को अंजाम देने का यह सबसे बड़ा मंच है। भारत कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज यूएन की बैठक में सम्मिलित होने के लिए न्यूयोर्क पहुंच चुकी है।

    यूएन के सदन में सुषमा स्वराज पाकिस्तान के साथ वार्ता रद्द करने और तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर निर्मम हत्या करने का मुद्दा उठाएंगी। साथ ही वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिर्पो़ट, कश्मीर में मानवाधिकार के हनन के मुद्दे को भी रखेगी।

    गतवर्ष दिए बयान में विदेश मंत्री ने कहा था कि हमने आईआईटी और आईआईएम कि स्थापना की और पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनो की।

    बीते वर्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहीद खाकान अब्बासी ने कहा था कि अगले साल भारत हमसे पहले सभा को सम्बोधित करेगा तब वह भारत के सवालों का माकूल जवाब देंगे।

    यूएन में भारतीय राजदूत सईद अकबरुद्दीन ने भारत की ओर से 30 द्विपक्षीय वार्ताओं के लिए आग्रह किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बैठक को सम्बोधित करते हुए सुरक्षा कॉउंसिल के समक्ष ईरान पर हमला बोलेंगे।

    यूएन में अमेरिकी प्रतिनिधि निक्की हैली ने भारत को कहा कि ईरान के साथ रिश्ते कायम रखने पर दोबारा विचार करना चाहिए।

    ट्रम्प प्रशासन पहले ही ऐलान कर चुका है कि ईरान के साथ सौदा करने वाले देशों को अमेरिकी बैंकिंग और आर्थिक सहायता मुहैया नहीं करवाई जाएगी। जबकि ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक है।

    पर्यावरण में हो रहे बदलाव का मुद्दा भी भारत यूएन में उठाएगा भारतीय राजदूत बैठक में पहले ही पर्यावरण को भारत का दूसरा मुख्या मुद्दा बता चुके हैं।

    संयुक्त राष्ट्र सभा ने पहली बार टीबी के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया है। भारत ने इस बीमारी से मुक्ति पाने का यूएन के 2030 मिशन से पहले इससे निजात पाने कि शपथ ली है। रोहिंग्या समुदाय की पीड़ा के विषय में संयुक्त राष्ट्र सभा को सम्बोधित करेंगे।

    साथ ही वह रोहिंग्या मुस्लिमो को वापस भेजने के सरकार के निर्णय के बाद हुई राजनीतिक उठापटक से सभा के सदस्यों को अवगत कराएंगी। भारत यूएन की स्थायी सदस्यता देने के लिए भी आवाज़ उठाएगा।

    यूएन के चल रहे 49 शान्ति वार्ताओं का सबसे बड़ा सहभागी भारत है। चीन की विस्तारवादी नीति पर पानी फेरने के लिए भारत यूएन के विकास कार्यकर्मो में साझेदार बनेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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