एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हिंदुत्व और भाजपा के प्रखर आलोचकों में गिना जाता है। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है और अक्सर वह अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से असदुद्दीन ओवैसी लगातार रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में बयान दे रहे हैं और मोदी सरकार द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजे जाने के निर्णय की आलोचना कर रहे हैं। टीवी न्यूज़ चैनल जी न्यूज़ पर “ताल ठोंक के” कार्यक्रम के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों के मसले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। बहस के दौरान हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपना आपा खो बैठे और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पर भड़क गए।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा से कहा कि जब मैं उन दो फीसदी लोगों में से हूँ जो मुल्क के खिलाफ हैं तो संबित आप मुझे गोली मार दीजिए। आप जगह बताइए, मैं आपको चैलेंज करता हूँ। आप मुझे खत्म कर दीजिए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि देश भर में असदुद्दीन ओवैसी जैसे 2 फीसदी लोग हैं जो देश हित के लिए अच्छा नहीं सोचते हैं। इतना सुनते ही असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए और संबित पात्रा से खुद को गोली मारने की बात कहने लगे। ट्विटर पर इस वीडियो को काफी बार रीट्वीट किया जा चुका है और हजारों लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
रोहिंग्या शरणार्थियों पर संबित पात्रा V/s ओवैसी
ओवैसी ने क्यों कहा- संबित मुझे गोली मार दीजिए pic.twitter.com/eejxicJYqD
— Zee News (@ZeeNews) September 16, 2017
ज़ी न्यूज़ के “ताल ठोंक के” कार्यक्रम में यह दोनों नेताओं बहस के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। कार्यक्रम का मुद्दा था कि क्या रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को देश की सुरक्षा से समझौता कर सिर्फ वोटबैंक के तौर पर देखा जा रहा है? चैनल के पत्रकार रोहित सरदाना ने असदुद्दीन ओवैसी से प्रश्न पूछा कि वह रोहिंग्या मुसलमानो को देश से बाहर किए जाने के फैसले पर सरकार के खिलाफ क्यों है जबकि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर उन्होंने ऐसी कोई बात क्यों नहीं कही? बांग्लादेश और पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं के बारे में भी उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा। इसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि रोहिंग्या मुद्दे को सिर्फ मुसलमानों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। म्यांमार के रखिने में 200 हिन्दुओं को जिन्दा जलाया जा चुका है और 400 हिन्दू परिवारों के घरों को भी आग लगाई जा चुकी है। देश में पहले से इतने शरणार्थी और निर्वासित लोग रह रहे हैं तो सरकार सिर्फ रोहिंग्या लोगों के विषय में ऐसी अवधारणा क्यों बनाए हुए है।
इससे पूर्व अपने बयान में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि म्यांमार के रखिने में रोहिंग्या हिन्दुओं पर भी अत्याचार हो रहे हैं। मोदी सरकार मुसलमानों की फिक्र ना भी करे तो कम से कम अपने हिन्दू भाईयों को तो वहाँ से बचा लाए। उन्होंने देश में अवैध रूप से रह रहे 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने के गृह मंत्रालय के फैसले की भी आलोचना की थी।