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    लीबिया

    लीबिया में संघर्ष की शुरुआत से 1000 से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है और 5000 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। खलीफा हफ्तार की लिबयन नेशनल आर्मी और संयुक्त राष्ट्र समर्थित गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड के बीच अप्रैल से संघर्ष की शुरुआत हुई है। यह डब्ल्यूएचओ ने अपनी जरी रिपोर्ट में बताया है।

    मंगलवार को ताजौरा के एक बंदी गृह में हवाई हमले से 53 प्रवासियों की भी मौत हो गयी थी। लीबिया में डब्ल्यूएचओ ने ट्वीटर पर लिखा कि “ताजौरा में प्रवासी केंद्र में इस हफ्ते हुए हताहत में 53 प्रवासियों की मौत हुई थी और 130 बुरी तरह जख्मी हुए थे, इसने त्रिपोली में मृतकों के आंकड़े को 1000 के पार कर दिया है और 5000 से अधिक जख्मी है।

    डब्ल्यूएचओ तत्काल और शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह करता है ताकि लीबिया के सभी नागरिक हानि से सुरक्षित रहे।

    लीबिया एक अस्थिर राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया दो भागो में विभाजित हो गया था। अप्रैल में हफ्तार की सेना ने राजधानी त्रिपोली पर सेना को कूच करने के आदेश दिए थे।

    एलएनए का लीबिया के पूर्वी भाग पर नियंत्रण है जबकि जीएनए का त्रिपोली से लेकर पूरे पश्चिमी लीबिया पर नियंत्रण है। इसके बाद दोनों पक्षों की सेनाओं के बीच संघर्ष की शुरुआत हुई थी।

    इस संघर्ष में 90000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और 650 लोगो ने अपनी जान गंवाई है। इस तीव्र संघर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांतिपूर्ण समाधान की मांग की है। अफ्रीकी राष्ट्रों ने भी दोनों पक्षों से संयमता बरतने की मांग की थी।

    इस संघर्ष ने 75000 लोगो को पाने घर को छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया था और हज़ारो प्रवासी बंदी शिविरों में फंसे हुए हैं। इसके कारण स्कूल बंद हो गए हैं, परिवार बिछड़ गए हैं और बिजली काट दी गयी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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