श्रीलंका की सरकार ने सभी प्रकार के बुर्का और चेहरे को ढकने वाले कपड़ो पर पूरी तरह प्रतिबन्ध के लिए सभी जरुरी कदन रविवार को उठा लिए हैं। ईस्टर रविवार के दिन पूरे देश में भयानक बमबारी हुई थी और इसमें 250 से अधिक लोगो की मृत्यु हुई थी और सैकड़ो लोग जख्मी हुए थे।
कोलोंबो पेज के मुताबिक प्रधानमंत्री के दफ्तर से बयान में कहा गया कि, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को आल सीलोन जमइय्य्याथुल उलमा (श्रीलंका में मुस्लिम मौलवियों का संगठन) ने देश में बुर्क़े पर प्रतिबन्ध का प्रस्ताव रखा था। न्याय मंत्री इस विषय पर परिषद् से चर्चा करेंगे और जरुरी विधेयक को ड्राफ्ट करेंगे।
हाल ही में श्रीलंका के सांसद आशु मारसिंघे ने सुरक्षा कारणों से निजी सदस्यों के हवाले से प्रस्ताव रखा था। उन्होंने इस प्रस्ताव को संसद में प्रस्तावित किया और कहा कि बुरका मुसिम परम्पराओं का भाग नहीं है और दुनिया भर में सिका इस्तेमाल व्यक्ति अपनी पहचान और छुपाने और आतंकी हमलो को अंजाम देने के लिए करते हैं।”
प्रस्ताव के मुताबिक, हमारे मुस्लिम नेताओं ने भी माना है कि बुर्का पहनावा मुस्लिम परंपरा का भाग नहीं है और कई स्थानों पर नोटिस के बावजूद बुर्का उतारने को कहा जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा पर विचार करते हुए मैं बुर्क़े पर पाबंदी का प्रस्ताव रखता हूँ।”
समस्त श्रीलंका में आठ विभिन्न चर्चो और आलिशान होटल में आठ बम धमाके किये गए थे। 21 अप्रैल को ईसाई धर्म का समुदाय ईस्टर के पवित्र त्यौहार का जश्न मना रहा था। इस हमले में 500 से अधिक लोगो की जान गयी है और इसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। मृतकों में 40 लोग विदेशी थे जिसमे 11 भारतीय भी शामिल थे।
भारत, अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिको के यात्रा सुझाव जारी किये हैं। इस एडवाइजरी में लोगो को भीड़भाड़ वाले इलाकों और क्षेत्रीय स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि आतंकी हमलावर अब भी हमले को अंजाम दे सकते हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक हमले की एकमात्र साजिशकर्ता महिला डेमॉटगोडा अपार्टमेंट काम्प्लेक्स से बुर्का पहनकर भाग गयी है