लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन में भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्वितकाल के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘रेप इन इंडिया’ टिप्पणी को लेकर सदन में भारी हंगामा हुआ। बिड़ला ने कहा कि निचले सदन ने 18 विधेयकों को फिर से प्रस्तुत किया और कुल 14 विधेयकों को पारित किया, जिसमें विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, एसपीजी (संशोधन) विधेयक, चिट फंड (संशोधन) विधेयक, शस्त्र (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
इसके अलावा इसमें दादर एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का निषेध (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण, विज्ञापन) विधेयक और दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के सार्वजनिक अधिकारों की मान्यता से संबंधित विधेयक शामिल हैं।
18 नवंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की 20 बैठकें हुईं और इसकी कार्यवाही 130 घंटे 45 मिनट तक चली।
सत्र के दौरान सार्वजनिक महत्व के कुल 364 मामले उठाए गए, जिनमें से 121 सदन में उठाए गए और 243 सदन पटल पर रखे गए।
इसके अलावा सदन में ‘वायु प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन’ और ‘फसलों के नुकसान और किसानों पर इसके प्रभाव’ विषय पर दो छोटी अवधि की चर्चा भी की गई।
राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणी ‘रेप इन इंडिया’ को लेकर सत्ता पक्ष ने खूब हंगामा किया, जिसके बाद सदन को अल्पकाल के लिए दो बार स्थगित किया गया। इसके बाद बिड़ला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के पास सांसद होने का नैतिक अधिकार नहीं है और उन्हें संसद में माफी मांगनी चाहिए।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी गांधी के बयान को अपमानजनक बताया और कहा कि उन्हें दुष्कर्म पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। स्मृति ने राहुल को अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सलाह और उनका मार्गदर्शन लेने की बात भी कह डाली।
संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के नारे को ‘रेप इन इंडिया’ कह कर मजाक उड़ाया है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “क्या वह लोगों को भारत में दुष्कर्म के लिए आमंत्रित कर रहे हैं? इसका क्या मतलब है? यह शर्मनाक है। उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।”
राहुल गांधी ने यह टिप्पणी झारखंड की एक चुनावी रैली में की थी।