टीवी अभिनेत्री शिव्या पठानिया जो पौराणिक शो ‘राम सिया के लव कुश‘ में सीता का किरदार निभा रही हैं, उनका कहना है कि उनके किरदार को शो में एक कर्तव्यपरायण पत्नी के रूप में पेश किया गया है, लेकिन उस युग के पितृसत्तात्मक समाज के पीड़ित के रूप में नहीं। उन्होंने कहा कि सीता नयी पीढ़ी से ज्यादा सम्बंधित हैं।
IANS को दिए इंटरव्यू में, उन्होंने कहा-“एक व्यक्ति के रूप में मेरा मानना है कि लैंगिक समानता सभी को अपनी पसंद का पालन करने की स्वतंत्रता देती है। व्यक्ति को नारीवाद के विचार को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है जो अन्य पुरुष या महिलाएं मानती हैं। इसलिए, मैं सीता को एक ऐसी महिला के रूप में नहीं देखती जो कमजोर है या पितृसत्ता का शिकार है। हमने शो में आधुनिक दृष्टिकोण के साथ किरदार को पेश किया है।”
शिव्या ने कहा कि शुरू में उन्हें इस बात का संदेह था कि क्यों सीता को दूसरी बार वनवास जाना पड़ा और अपने परिवार की खुशियों से समझौता करना पड़ा।
उनके मुताबिक, “फिर, मैंने दूसरे परिप्रेक्ष्य को समझने की कोशिश की। 14 साल के वनवास के लिए राम के साथ जाना उनकी पसंद थी। उनके लिए यह कोई सजा नहीं थी क्योंकि केवल राम को ही वनवास जाना था। अगर सीता ने राम के साथ, उनकी पत्नी होने के नाते जाने का फैसला किया, तो यह उनकी पसंद थी। अयोध्या लौटने पर, राम ने कभी भी उनके चरित्र पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन समाज ने उठाया। चूँकि सीता एक राजकुमारी थी और प्रजा को प्यारी थी, इसलिए उन्होंने मिसाल कायम करने और शाही खानदान का सम्मान वापस लाने का विकल्प चुना। यही कारण है कि उन्होंने दूसरी बार वनवास चुना।”
“जब हम राम और सीता की पूजा करते हैं, तो इसलिए नहीं करते क्योंकि वह अयोध्या के राजा और रानी है, बल्कि व्यक्ति के रूप में उनकी महानता और जो त्याग उन्होंने अपनी प्रजा के लिए किया, उसके लिए करते हैं। हम उनकी नैतिकता और असाधारण व्यक्तित्व को प्राप्त करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे पास ऐसा हो, इसलिए हम इसे सहन करते हैं।”
शो की बात की जाये तो, इसमें राम की भूमिका में हिमांशु सोनी, लव की भूमिका में कृष चौहान और कुश की भूमिका में काबरा नज़र आएंगे। शो 5 अगस्त से प्रसारित होगा।