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    हिमाचल प्रदेश चुनाव

    वीरभूमि हिमाचल में जैसे-जैसे सर्दियां करीब आती है वादियों में पारा गिरने लगता है। पर अबकी सर्दियों में हिमाचल प्रदेश का मिजाज कुछ बदला-बदला सा है। चुनावी सरगर्मियों के चलते वादी में ठण्ड का एहसास नहीं हो रहा है। हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस देशभर की तरह हिमाचल प्रदेश में भी अपना अस्तित्व की लड़ाई रही है। बीते दिनों हिमाचल कांग्रेस में बगावती सुर उठ रहे थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह से मतभेद उभर कर सामने आए थे जिससे कांग्रेस की बड़ी किरकिरी हुई थी। उनके आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान को हस्तक्षेप करना पड़ा था।

    हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अपने वरिष्ठम नेता वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में सियासी मैदान में उतरी है वहीं भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को अपना मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया है। वीरभद्र सिंह ने चौथी बार अपना निर्वाचन क्षेत्र बदला है और अब वह सोलन जिले की अर्की विधानसभा सीट से मैदान में है। 2012 में वह नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी शिमला ग्रामीण सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। इस बार उनकी जगह उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण सीट से दावेदारी ठोंक रहे है। यह उनके सियासी सफर का आगाज है। लेकिन पहले ही चुनाव में विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस के गढ़ शिमला में भाजपा की मजबूत चुनौती का सामना कर पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह के सामने भाजपा ने प्रोफेसर प्रमोद शर्मा को मैदान में उतारा है। प्रमोद शर्मा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रबंधन संस्थान में सेवारत हैं। युवा वर्ग में उनकी मजबूत पकड़ है।

    प्रमोद शर्मा एक वक्त में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास माने जाते थे। प्रमोद शर्मा नई दिल्ली में यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। प्रमोद शर्मा इससे पूर्व वर्ष 2003, 2007 और 2012 में ठियोग व कुमारसैन-सुन्नी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। प्रमोद शर्मा 2012 विधानसभा चुनावों के वक्त तृणमूल कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमोद शर्मा की अच्छी पकड़ है और उन्हें जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है। वहीं दूसरी ओर विक्रमादित्य सिंह अपने पिता वीरभद्र सिंह की सियासी विरासत सँभालने की राह पर चल रहे हैं और वीरभद्र सिंह के कद के भरोसे चुनावी मैदान में हैं। इस वजह से विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ प्रमोद शर्मा की दावेदारी मजबूत दिखाई दे रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण सीट पर भाजपा उम्मीदवार प्रमोद शर्मा की मजबूत चुनौती से कैसे पार पाते हैं।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।