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    जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे

    जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से बगैर शर्त उत्तर कोरिया के नेता से मुलाकात का प्रस्ताव रखा है। दो ऐतिहासिक दुश्मनो के बीच कूटनीतिक सम्बन्धो को बहाल करने का प्रयास है। आबे ने हाल ही में उत्तर कोरिया के प्रति नरम रवैया अख्तियार किया था।

    उन्होंने किम जोंग उन के साथ एक सम्मेलन की मांग की थी जिसमे पियोंगयांग के एजेंटो ने जापानी नागरिकों का अपहरण किया था। बुधवार को सांकेई शिमबुन को दिए इंटरव्यू में आबे ने कहा कि “मैं बिना शर्त के चेयरमैन किम्से मुलाकात करना चाहता हूँ और उनके साथ खुले दिमाग से साफ़ वार्ता करना चाहता हूँ। इस मसले को सुलझाने के लिए हमारे देश का अधिक सक्रीय होना जरुरी है।”

    उन्होंने कहा कि “हम जापान और उत्तर कोरिया के बीच संयुक्त अविश्वास के शैल को नहीं नहीं तोड़ सकते हैं जब तक किम जोंग उन से सीधा आमना सामना नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि वह रणनीतिक और लचीलेपन से निर्णय लेंगे कि उनके देश के लिए क्या बेहतर है।”

    साल 2017 में उत्तर कोरिया ने लगातार मिसाइल परिक्षण किया जो जापान की तरफ उड़ी थी। जापान ने पियोंगयांग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। हालाँकि अब जापान खुद को इस मामले में प्रासंगिक रखना चाहता है क्योंकि किम अपने कूटनीतिक घेरे का विस्तार कर रहा है।

    किम ने बीते हफ्ते रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी इसके आलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और  दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात की थी। जापानी अखबार से शिंजो आबे ने कहा कि व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान अपहरण के मामले को सुलझाने के बाबत ट्रम्प से बातचीत की थी।

    मई के अंत में डोनाल्ड ट्रम्प जापान की यात्रा कर सकते हैं और वह जापान में पहले विदेशी प्रमुख के तौर पर यात्रा करेंगे और जापान के नए सम्राट नारुहितो से मुलाकात करेंगे। टोक्यो को यकीन है कि उत्तर कोरिया के एजेंटो ने जापानी नागरिकों को 1970-80 के दशक में किडनैप किया था।

    कई वर्षों तक इंकार के बाद उत्तर कोरिया ने साल 2002 में कबूल किया कि उनके पास 13 जापानी नागरिक है और पांच जीवित बचे लोगो को रिहा कर दिया गया और अन्य आठ लोगो की मौत हो चुकी है। अभियानकर्ताओं के मुताबिक 470 गायब जापानी नागरिकों का लिंक भी उत्तर कोरिया से जुड़ता है। उत्तर कोरिया के विभागों ने आबे से मुलाकात की इच्छा को सार्वजानिक नहीं किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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