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    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यहां कहा कि भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) का गठबंधन अटूट है और इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा।

    पूरी दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाले वैशाली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में जन जागरूकता जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि विरोधी इस मामले में युवाओं और मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं।

    अमित शाह ने कहा कि देश जब आजाद हुआ तो पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में तीस-तीस फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन इन्हें प्रताड़ित कर खदेड़ दिया गया। इनका धर्म परिवर्तन किया गया। विरोधी दल ऐसे प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने का क्यों विरोध कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा, “जिस परिवार में पिता के सामने बेटी का, पति के सामने पत्नी का दुष्कर्म किया गया, गुरुद्वारों और मंदिरों को मस्जिद बना दिया गया उनके मानवाधिकारों का हनन किया गया। मैं ह्यूमन राइट्स के चौंपियनों से पूछना चाहता हूं कि जब ये सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट उन लोगों के राइट्स लौटाने के लिए है तो इसका विरोध क्यों हो रहा है।”

    शाह ने बिहार की राजनीति पर चर्चा करते हुए कहा, “कुछ लोग अफवाह फैलाना चाहते हैं। मैं सभी अफवाह को खत्म करने आया हूं। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग चुनाव लड़ेगा। भाजपा और जदयू का गठबंधन अटूट है। इसमें कोई सेंधमारी नहीं हो सकती।”

    उन्होंने कहा कि लालू यादव को जेल में रहकर फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना आने लगा है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में लालू प्रसाद का राज था तब बिहार का विकास दर तीन फीसदी था। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास दर 11 फीसदी है। बिहार में राजग की सरकार लगातार अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लालू राज में जंगल राज था और आज जनता का राज है।

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