Sun. Dec 22nd, 2024
    शरद यादव

    बिहार में मचे सत्ता के महासंग्राम में अब नया मोड़ आ गया है। शरद यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ बगावती सुर अख्तियार कर लिए हैं। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के ठीक पहले जारी अपने बयान में पूर्व जेडीयू अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शरद यादव ने नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने के ‘कदम’ को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कर नीतीश ने जनता का विश्वास तोड़ा है और गलत सन्देश दिया है। उन्होंने इस सन्दर्भ में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाक़ात भी की। इस मुलाक़ात के बाद भाजपा और जेडीयू दोनों ही सतर्क हो गए हैं।

    शरद यादव और नीतीश कुमार

     

    गौरतलब है कि कल नीतीश कुमार सुबह 11 बजे अपना बहुमत साबित करेंगे। शरद यादव अभी भी पार्टी में खासा रसूख रखते हैं और पार्टी के 16-18 विधायक नीतीश के इस फिसले से नाराज हैं। ऐसे में ये विधायक शरद यादव के साथ जाकर लालू यादव से हाथ मिला सकते हैं और यह कदम नीतीश कुमार को सत्ता से दूर कर सकता है। शरद यादव ने सभी नाराज विधायकों की अपने आवास पर बैठक बुलाई है। इस बैठक में हुआ निर्णय ही तय करेगा कि ऊँट किस करवट बैठता है।

    शरद के आवास पर बैठक शुरू

    शरद यादव के आवास पर जेडीयू के नाराज विधायकों और नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए जेडीयू महासचिव अरुण सिन्हा, जावेद रजा, राज्यसभा सांसद विरेन्द्र सिंह शरद के आवास पर पहुँच चुके हैं। थोड़ी देर में राज्यसभा सांसद अली अनवर के भी यहाँ पहुँचाने कि संभावना है। सभी की नजरें इस बैठक के बाद लिए जाने वाले फैसले पर टिकी हैं।

    भाजपा के लिए ‘संकटमोचक’ बनेंगे जेटली

    उधर इन सबके बीच भाजपा ने केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली को शरद यादव को मनाने के लिए भेजा है। अरुण जेटली और शरद यादव दोनों ही राज्यसभा सदस्य हैं और वर्ष 1974 से दोस्त हैं। ख़बरों की माने तो शरद यादव को बगावत से रोकने के लिए भाजपा केंद्रीय मन्त्रिमण्डल में उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद दे सकती है। वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद मन्त्रिमण्डल खाली पड़ा है। खुद अरुण जेटली मनोहर पार्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। ऐसे में अब भाजपा की सारी उम्मीदें इसी बात पर टिकी हैं कि क्या अरुण जेटली अपने दोस्त को मनाकर संकटमोचक की भूमिका का निर्वहन करेंगे।

    अरुण जेटली और शरद यादव

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।