रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे 29 जून को एक सम्मलेन का आयोजन करेंगे। जी-20 की बैठक में शामिल होने के लिए व्लादिमीर पुतिन जापान की यात्रा पर जायेंगे। रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को यह बयान दिया था।
दोनों देशों के राजनीतिक नेताओं और आला अधिकारीयों ने हालिया महीनो में बार्ता की थी ताकि दशकों से जारी क्षेत्रीय विवाद को खत्म किया जा सके हुए सक शांति संधि को मुकम्मल कर सके।
लावरोव ने जापानी समकक्षी तारो कोनो से मुलाकात के बाद कहा कि “ओसाका के जी -20 सम्मलेन में रूस-जापान की मुलाकात पर नजरे रहेंगी। हम रूस-जापान के सम्बन्धो में प्रगति की समीक्षा को जांचेंगे।” रूस के नियंत्रण में पश्चिमी पैसिफिक द्वीपों पर जापान अपना दावा करता है। उनके मुताबिक, उत्तरी क्षेत्र जापान के हैं जबकि दक्षिणी भागो पर रूस का हिस्सा है।
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद सोवियत संघ के सैनिको ने द्वीपों पर अधिगृहण कर लिया था और दोनों देशों के बीच एक औपचारिक संधि को छोड़कर, उसके बाद से दोनों देशों के बीच सम्बन्ध खराब है। लावरोव ने कहा कि “जापान के साथ विवादित द्वीपों पर पांच आर्थिक गतिविधि परियोजनाओं पर कार्रवाई तीव्रता से जारी है।
शिजो आबे और व्लादिमीर पुतिन ने साल 2016 में द्वीपों पर संयुक्त आर्थिक गतिविधियों पर वार्ता करने की रज़ामंदी दी थी। जो शान्ति संधि की तरफ एक बेहतर कदम था।