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    वोडाफोन आईडिया

    वोडाफोन-आईडिया जोकि टेलिकॉम इंडस्ट्री के शीर्ष प्रदाताओं में से एक है, ने हाल ही में वार्षिक स्पेक्ट्रम शुल्क चुकाने के लिए उच्च ऋण स्तर के चलते 2 साल की ओर मोहलत मांगी है।

    कितना है स्पेक्ट्रम शुल्क ?

    वोडाफोन आइडिया द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि का इस वर्ष लगभग 10,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वोडाफोन एवं आईडिया जब अलग-अलग थे तब उन्होंने पांच ऑक्शन में भाग लिया था जोकि 2010, 2012, 2014, 2015 और 2016 में आयोजित किये गए थे। इन पाँचों नीलामियों से वोडाफोन ने अकेले 79,343 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की खरीद की थी एवं इसके अलावा आईडिया ने भी उन नीलामी में 63,597 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे थे।

    वोडाफोन ने क्यों मांगी मोहलत ?

    जैसा की कुछ समय पहले हमें देखने को मिला था आईडिया एवं वोडाफोन ने अपने व्यवसायों का विलय कर लिया है, इसलिए अब आईडिया के स्पेक्ट्रम के शुल्कं का भार भी वोडाफोन पर ही है। अतः हाल ही में वोडाफोन के प्रतिनिधि ने कंपनी पर ऋण दबाव के चलते टेलिकॉम इंडस्ट्री से दो साल की मोहलत मांगी है।

    सरकारी अधिकारी का बयान :

    सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की सरकार को वोडाफोन की तरफ से एक निवेदन आया है। इसके अंतर्गत वोडाफोन चाहता है की उसे उसका स्पेक्ट्रम शुल्क चुकाने के लिए 2 सालों का अतिरिक्त समय दिया जाए। हालांकि अभी सरकार द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया है। इस अनुरोध की फिलहाल जांच की जा रही है और इसके ऊपर कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी विभागों द्वारा जांच एवं विचार किया जाएगा।

    वोडाफोन की अगले 2 सालों की ये हैं योजना :

    वोडाफोन ने अपने प्रस्ताव को स्वीकार करवाने के लिए तर्क दिया की 1.3 अरब भारतीयों की डिजिटलों जरूरतों को पूरा करने के लिए दूरसंचार विभाग बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए यह जरूरी है कि क्षेत्र में कई सेवा प्रदाता हों और वे आर्थिक रूप से मजबूत हो ताकि वे लोगों को विकल्प पेश कर सकें, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जाए और स्पेक्ट्रम जैसी राष्ट्रीय संपत्तियों का आकलन सही तरीके से किया जाए।

    अपनी आगे की योजनाओं के बारे में बताते हुए वोडाफोन के प्रवक्ता ने कहा की हमारे दोनों के व्यवसायों के विलय के बाद हम जल्द तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे हमारी आशाओं से पहले ही लाभ देखने को मिलेगा। इसके अलावा, वोडाफोन आइडिया ने 250 अरब रुपये तक की पूंजी जुटाने की घोषणा की है और दोनों प्रमोटर शेयरधारकों ने संकेत दिया है कि वे 182 बिलियन रुपये तक का योगदान देंगे।

    पूँजी जुटाने की इन पहल से वोडाफोन को विशवास है की इससे उनकी कंपनी में आर्थिक मजबूती देखने को मिलेगी एवं इससे यह अपना बकाया ऋण चुकाने में पूरी तरह समर्थ होगी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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