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    वेनेजुएला में प्रदर्शन

    एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार को कहा कि “उन्हें यकीन है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों के खिलाफ वेनेजुएला के विभागों ने मानवता के खिलाफ कार्रवाई की है और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक अदालत से इस मामले की जांच का आग्रह किया है।”

    दक्षिणपंथी समूह ने कहा कि “देश से सरकार विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के लाइट निकोलस मादुरो की सरकार ने व्यवस्थित और व्यापक दमनकारी नीति अपनायी थी। जब विपक्षी नेता जुआन गाइडो ने संविधान को लागू किया और खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।

    मानवता के खिलाफ अपराध

    एमनेस्टी के मुताबिक, मादुरो के विरोधियों और प्रदर्शन के दौरान प्रताड़ित किया और उनकी हत्या की थी। हमलो का स्वरुप साल 2014 और 2017 के पैटर्न से हूबहू मिलता है। विपक्षी नेता मादुरो के साथ एक कड़वे सत्ता संघर्ष के भंवर में फंसे हैं। मादुरो को रूस, चीन, तुर्की और देश के अधिकतम संस्थानों का समर्थन है। उन्होंने आरोप लगाया कि गाइडो और अमेरिका तख्तापलट की कोशिश कर रहे हैं।

    एमनेस्टी ने फरवरी में वेनेजुएला में तथ्यान्वेषी अभियान को सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान कार्रवाई इ अध्ययन के लिए भेजा था। लंदन के दक्षिणपंथी समूह ने कहा कि जनवरी 21 से 25 तक हुए प्रदर्शन में तक़रीबन 47 लोगो की मृत्यु हो गयी थी। 33 लोगो को सुरक्षा बलों ने गोली मार दी थी और छह लोगो को सरकार समर्थकों ने मार दिया था।

    राजनीतिक कैदी बनाकर रखा

    एमनेस्टी इंटरनेशनल की अमेरिका की निदेशक एरिका गुएवारा ने कहा कि “इनमे से 11 को बगैर सुनवाई के फांसी पर चढ़ा दिया गया था। राज्य के सेना ने समुदाय के प्रतिष्ठित प्रदर्शनकारियों की पहचान की और उनकी हत्या कर दी थी। उनमे से कुछ को मृत्यु से पहले प्रताड़ित किया गया था। 900 से अधिक लोगो को कैदी बनाकर रखा गया था।

    प्रति मादुरो सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। हालिया वर्षों में वेनेजुएला के लाखो नागरिक देश छोड़कर भागे थे इसका कारण महंगाई, बेरोजगारी और खाद्य सामग्री व दवाइयों की कमी थी।

    मंगलवार को सेना ने विपक्षी सांसदों को संसद में प्रवेश करने से रोका था। हाल ही में अदालत ने कई राजनेताओं की इम्युनिटी वापस ले ली थी। सेबिन ख़ुफ़िया विभाग के सांसदों ने मास्क पहनकर और लम्बी बन्दूक लेकर पुलिस के साथ खड़े थे और सेना ने प्रवेश मार्ग को बंद कर दिया था और सदन के अंदर संभावित विस्फोटक पदार्थ की मौजूदगी की तफ्तीश की जा रही थी।

    पिछले हफ्ते एक विपक्षी राजनेता को गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने विदेश दूतावासों में शरण ली थी। राजनेता जुआन पाब्लो ने बताया कि “यह सब संसद के संचालन को रोकने का हिस्सा है। यह तानाशाही है और हम राजनीतिक परिवर्तन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”

    विपक्ष ने साल 2015 का चुनाव जीता था  लेकिन सरकार ने संसद की अधिकतर ताकत को छीन लिया था। मादुरो के वफादार राजनेता आमतौर पर सत्रों में शामिल नहीं होते थे लेकिन ऊपरी सदन की बैठक में शामिल होते थे। मंगलवार को सत्र 10 बजे शुरू होना था लेकिन शुरू नहीं हुआ था।

    विपक्ष के नेता जॉर्ज मिलन ने पत्रकारों से कहा कि बिल्डिंग में बम की खबर झूठी है। यह संसद का कार्य रुकवाने की एक विधि है। अगर आज एक सत्र नहीं हुआ तो हम इसे कल करेंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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