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    सीरिया का इदलिब प्रान्त

    तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैय्यप एर्डोगन ने सीरिया की सरकार पर रूस के साथ तुर्की के संबंधों को नुक्सान पंहुचाने का आरोप लगाया है। विद्रोहियों के मज़बूत गढ़ इदलिब प्रान्त से संघर्ष की शुरुआत हुई जिसमे 24 घंटे में 42 लड़ाकों को मार दिया गया था। ब्रिटेन के वॉर मॉनिटर के मुताबिक, सरकार के इस क्षेत्र में की गयी बमबारी से स्वास्थ्य केंद्र तबाह हो गए थे।

    रूस-तुर्की के खिलाफ चाल

    सोमवार को विद्रोहियों ने कहा कि उन्होंने सरकार की सेना के खिलाफ उत्तर पश्चिम में जवाबी कार्रवाई की थी। इदलिब में करीब तीस लाख लोग रहते हैं और उनका इस कथित असैन्य क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र में संरक्षण होना चाहिए। बीते वर्ष सितम्बर में रूस और तुर्की के बीच इस क्षेत्र में कार्रवाई न करने के लिए एक समझौता हुआ था।

    सोमवार को एक फ़ोन कॉल के दौरान एर्डोगन ने रुसी समकक्षी व्लादिमीर पुतिन से फ़ोन पर बातचीत की थी। जिसमे उन्होंने जिक्र किया कि सिरे की सरकार के राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना की आक्रमक कार्रवाई तुर्की और रूस के सहयोग को नुकसान पंहुचाने की चाल है।

    रूस और तुर्की सीरिया में विरोधी खेमे का समर्थन करते हैं। मॉस्को साल 2015  से असद की सेना का समर्थन करता है जबकि अंकारा साल 2011 से जंग की शुरुआत से ही सीरिया के विद्रोहियों का समर्थन करता है। ईरान के साथ दोनों मिलकर करीबी से कार्य रहे हैं ताकि इस संघर्ष के खात्मे का कोई राजनीतिक हल तलाशा जा सके।

    अस्थिर हालात

    तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि “सीरिया के सरकार ने बीते दो हफ्तों में तनावमुक्त क्षेत्र पर हमला किया है और यह अब खतरे के स्तर तक पंहुच चुका है। आतंकरोधी प्रयासों का विवरण देना असंभव है जिसमे इतनी हताहत और स्वास्थ्य केन्द्रो को क्षति पंहुची है।”

    इदलिब पर सबसे अधिक नियंत्रण हाएत तहरीर अल शाम का है यह पूर्व में अलकायदा का सहयोगी था। एचटीएस को रूस ने आतंकी संगठन करार दिया है इसलिए तनावमुक्त समझौते के बावजूद तीव्र हमले में संगठन की उपस्थित का औचित्य दिया गया था।

    तुर्की के नेता ने आगाह किया कि यह हमले से सीरिया की राजनीतिक पद्धति पर भरोसा न करने का खतरा बढ़ जायेगा। मंगलवार को तुर्की के रक्षा मंत्री ने अपने रुसी समकक्षी से फ़ोन पर बातचीत की थी और इस दौरान इदलिब में तनाव को कम करने के प्रयासों पपर चर्चा हुई थी।
    सरकार ने 28 अप्रैल को आक्रमक रुख अख्तियार किया था जिसमे डेढ़ लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। बीते हफ्ते सीरिया की सरकार की सेना ने उत्तर पश्चिम में स्थित कलात अल मादिक़ पर कब्ज़ा कर लिया था। साथ ही उन्होंने दक्षिण क्षेत्र में विद्रोहियों के खिलाफ जमीनी अभियान भी शुरू किया था।
    यूएन ने सभी पक्षों ने बीते वर्ष किये गए पालन करने आग्रह किया है ताकि क्षेत्र में मानवीय आपदा से बचाव किया का सके। सीरिया में संघर्ष की शुरुआत से 400000 से अधिक लोगो की हत्या हुए है और लाखो लोग विस्थापित हुए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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