भारत के पुणे शहर की 20 वर्षीय वेदांगी कुलकर्णी एशिया की सबसे तीव्र साइकिल चलाने वाली महिला बन गई है, जिन्होंने दुनिया का सबसे तेज़ी से चक्कर लगाया है। वेदांगी ने दुनिया का चक्कर लगाकर क्वालीफाई करने के लिए 29000 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है।
वेदांगी ने बीते जुलाई में पर्थ से साइकिल यात्रा की शुरुआत की थी और अब अपने र्रेकोर्द को पूरा करने के लिए वापस ऑस्ट्रेलिया के शहर लौटने को तैयार है। पीटीआई से बातचीत के दौरान वेदांगी ने कहा कि वह एक दिन में 300 किलोमीटर साइकिल की यात्रा करती थी और अब तक 14 देशों में 159 दिनों को पूरा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इन देशों ने मुझे बुरा और अच्छा वक्त और विश्व दिखाया है।
वेदांगी के पिता विवेक कुलकर्णी ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण अभियान को कुछ ही लोग पूर्ण कर पाते हैं और मेरी बेटी एशिया की सबसे तेज़ ग्लोब का चक्कर लगाने वाली बन गयी है।
ब्रिटिश एडवेंचरर जेनी ग्रैहम ने कहा कि यह सबसे तीव्र साइकिल चलाने वाली महिला है, जिसने साल 2018 में 124 दिनों में दुनिया का चक्कर पूरा किया है। जो पिछले रिकॉर्ड से तीन सप्ताह अधिक तेज़ हैं। तत्व, मानव और प्रकृति ने भारतीय साइकिल वाहक की परीक्षा ली है। जिसमे कनाडा में उनके पीछे भालू पड़ गया था और उन्होंने रूस में बर्फ की चादर में लिपटी कई रातें अकेले बितायी थी।
इस साइकिल यात्रा का खर्च उनके माता-पिता ने उठाया है। पर्थ से शुरुआत कर वेदांगी ने पूरे ऑस्ट्रेलिया का चक्कर लगाया और वहां से होते हुए न्यूजीलैंड पंहुची। इसके बाद वेदांगी आइसलैंड से होते हुए पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, स्वेडन, फ़िनलैंड और फिर रूस पंहुची।
वेदांगी ने इस सफलता को अपने माता-पिता की मजबूती के कारण संभव बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे माता पिता ने मुझे मानसिक रूप से मज़बूत बनाया और दुनिया घूमने के लिए प्रेरित किया था।