Thu. May 9th, 2024
    पाकिस्तान के पीएम इमरान खान

    पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरा खान अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर सदैव चर्चा में बने रहते हैं। पाकिस्तान के पीएम ने एक बार फिर भारत में अल्पसंख्यकों के साथ ही रहे व्यवहार की तुलना पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से की है। इमरान खान ने कहा कि नए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाता है, लेकिन भारत में परिणाम इसके उलट दिखता है।

    सुनिश्चित करेंगे अल्पसंखकों का हक़

    मंगलवार को पाकिस्तान के रचियता मोहम्मद अली जिन्ना की जन्म वर्षगांठ के दौरान इमरान खान ने कहा कि जिन्ना ने पाकिस्तान को एक लोकतान्त्रिक, सच्चा और दयालु राष्ट्र बनाया था। उन्होंने कहा कि नया पाकिस्तान कायदे आजम का पाकिस्तान है और हम अल्पसंख्यकों के साथ नागरिकों की तरह व्यवहार को सुनिश्चित करेंगे, न कि जैसे भारत में हो रहा है।

    जिन्ना का नजरिया

    इमरान खान ने कहा कि जिन्ना ने अल्पसंख्यकों को बराबरी का अधिकार दिया था। उन्होंने कहा कि जिन्ना का शुरूआती राजनीतिक करियर हिन्दू मुस्लिम की एकता के लिए था, इसे याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन्ना ने अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग इसलिए की, क्योंकि उन्हें महसूस हुआ कि हिन्दू बहुल नागरिक मुस्लिमों के साथ गलत सुलूक करेंगे, मुस्लिमों को बराबरी का हक़ नहीं देंगे।

    इमरान खान के विवादित बोल

    उन्होंने बताया कि उनकी सरकार पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को समान दर्जा दिलवाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मोहम्मद अली जिन्ना का नजरिया था। इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक अल्पसंख्यक लोग पाकिस्तान में सुरक्षित और संरक्षित रहे और नए पाकिस्तान में सभी को बराबरी का दर्जा मिले।

    उन्होंने कहा कि हम मोदी सरकार को अल्पसंख्यको के साथ बराबरी का सुलूक करना सिखायेंगे, क्योंकि भारत के नागरिक कह रहे हैं कि उनके यहाँ अल्पसंख्यकों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है।

    इमरान खान के इस बयान की भारतीयों ने आलोचना की थी । पाकिस्तानी पीएम के इस बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को अपने मुल्क के बाबत बातचीत करनी चाहिए, न कि हमारे देश के अंतरिम मसलों पर बेजा टिप्पणी करनी चाहिए, जिससे उनका दूर तक कोई नाता नहीं है।”

    स्त्रोत: SAMAA TV

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *