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    विषाणु virus in hindi

    विषय-सूचि

    विषाणु क्या है? (virus information in hindi)

    विषाणु (Virus) एक प्रकार के संक्रमक घटक (infectious agent) होते हैं जो दूसरे जीवों के जीवित कोशिकाओं (cell) में पनपते हैं।

    ये हर प्रकार के प्राणियों (यहाँ तक कि बैक्टीरिया को भी) प्रभावित करने में सक्षम हैं। यह सुक्ष्म परजीवी (parasites)  होते हैं जिनका आकार बैक्टीरिया से भी छोटा होता है। यह खुद से पनपने  (reproduce) में अक्षम हैं और मेजबान शरीर के बाहर पनपते रहते हैं।

    विषाणुओं के कारण कई भयानक रोगों का संचारण हुआ है। 2009 में भारत में स्वाइन फ्लू एवं 2014 में अफ़्रीकी देशों में इबोला नामक बीमारी फैला था, इन्ही की देन थी जिससे कई बहुमूल्य जानें गयीं।

    दूसरी तरफ विषाणुओं के कारण कई महत्वपूर्ण शोध कार्य जारी हैं। कोशिकाओं से जुड़ी हुई कई प्रक्रियाएं जैसे प्रोटीन संश्लेषण की व्यवस्था, विषाणुओं की कोशिकीय प्रक्रिया आदि के बारे में जानने में सहायता मिलती है।

    विषाणु की खोज (discovery of virus in hindi)

    सन्न 1886 में अडोल्फ मेयर नामक जर्मन रसायनज्ञ (chemist) ने विषाणु की खोज की थी। इन्हें इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप के द्वारा ही देखा जा सकता है।

    1886 से पहले विषाणु के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध थी। विषाणु से होने वाले रोगों की रोकथाम भी काफू मुश्किल थी।

    विषाणु की संरचना (structure of virus in hindi)

    विषाणु की संरचना virus structure in hindi

    इनका आकार बैक्टीरिया के से 50 गुणा कम होता है। मीसल विषाणु 220 नैनोमीटर का होता है । हेपेटाइटिस विषाणु 40 नैनोमीटर का होता है। पोलियो का विषाणु 30 नैनोमीटर का होता है।

    विषाणु पूरी तरह से जीवित प्राणी नहीं माने जा सकते। एक तरफ उनके अंदर वो सभी चीजें पायीं जाती हैं जोकि एक जीवित प्राणी में होने चाहिए जैसे कि न्यूक्लेइक एसिड, डीएनए, आरएनए आदि। दूसरी तरफ वे नुक्लेइक एसिड में पाए जाने वाले जानकारियों के अनुसार स्वतंत्र रूप से कार्य करने में अक्षम हैं।

    विषाणु उन परजीवी प्राणियों में आते हैं जो मेजबान कोशिकाओं (host cell) के अंदर अपनी प्रतियां (copies) बनाते हैं। मेजबान कोशिकाओं के बाहर विषाणु अपना प्रजनन नहीं कर सकते क्योंकि उनके अंदर वह जटिल तंत्र (complicated structure) नहीं पाया जाता जोकि कोशिकाओं के अंदर होता है।

    मेजबान के कोशिका तंत्रो में पाए जाने वाले डीएनए कि मदद से विषाणु अपना आरएनए बना लेते हैं, इस प्रक्रिया को प्रतिलेखन (transcription) कहा जाता है एवं आरएनए में दिए गए संकेतों के हिसाब से प्रोटीन बना लेते हैं जिसे अनुवादन (translation) प्रक्रिया कहा जाता है।

    जब विषाणु पूरी तरह से एकत्रित होके संक्रमण फैलाने योग्य हो जाते हैं, उनको वायरन कहा जाता है। इसके संरचना में नुक्लेइक एसिड पाया जाता है जोकि प्रोटीन से घिरा होता है, इसको कैप्सिड कहा जाता है जोकि एसिड को न्यूक्लिअसिस नाम के एंजाइम से नष्ट होने में बचाते हैं। कुछ विषाणुओं के पास सुरक्षा की दूसरी परत भी होती है जो मेजबान के कोशिका झिल्ली का भाग होता है।

    विषाणु का कार्य (function of virus in hindi)

    सूक्ष्मजीवकी के अनुसार, विषाणु अपना डीएनए या आरएनए जीन मेजबान कोशिकाओं में  प्रत्यारोपित (implant) करने का कार्य करते हैं ताकि वो जीन मेजबान कोशिकाओं द्वारा प्रतिलेखित या अनुवादित हो सकें।

    पहले तो विषाणु मेजबान के शरीर में जाने का रास्ता ढूंढते हैं। खुले हुए घाव या श्वशन मार्ग शरीर में जाने के लिए इनके लिए द्वार का काम करते हैं। कभी कभी कीटाणुओं के द्वारा भी विषाणु शरीरों में प्रवेश लेते हैं। जब कीटाणु इंसानों को काटते हैं, तब वे विषाणु कीटाणुओं के लार के साथ शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इन विषाणुओं के द्वारा डेंगू का बुखार और पीला बुखार चढ़ता है।

    शरीर में प्रवेश लेने के बाद विषाणु अपने आप को कोशिकाओं के सतह से संलग्न कर लेते हैं। कोशिका के सतहों पर अपने आप को बाँध कर वे ऐसा कर पाते हैं। अलग अलग विषाणु एक सतह पर बंध जाते हैं और एक ही विषाणु अलग अलग सतहों पर भी बंध सकते हैं। इसके बाद विषाणु कोशिकाओं के झिल्ली की तरफ बढ़ना शुरू कर देते हैं। उदाहरण स्वरूप एचआईवी का विषाणु झिल्ली में घुल जाता है एवं इन्फ्लुएंजा का विषाणु कोशिकाओं द्वारा निगल लिया जाता है।

    आप अपने सवाल और सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

    8 thoughts on “विषाणु क्या है? संरचना, जानकारी”
    1. इतने अच्छे से समझने के लिए धन्यवाद…

    2. I studied about virus structure and it’s activities in human bodyin class 12th but now not know in detail. Thanks for expression.

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