आज सदन में विपक्ष ने सरकार पर हमलावर रुख अपनाया। राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जहाँ मॉब लिंचिंग के मामले पर सरकार को घेरा वहीं सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में चीन सीमा विवाद को लेकर सरकार पर हमला बोला। दोनों नेताओं ने अपने भाषण में आक्रामक रुख अख्तियार किया और इन मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया।
आजाद बोले – गोरक्षा के नाम पर बंद हो हत्याएँ
राज्यसभा में मॉब लिंचिंग के मामले पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर रोक लगानी चाहिए। इन हमलों में समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। यह संघ और सरकार की मिलीभगत है। सरकार बस बयानबाजी कर रही है और दिशियों पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं कर रही। दादरी में अख़लाक़ की हत्या से शुरू हुआ ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने जुनैद काण्ड और हाल ही में झारखण्ड में हुई घटनाओं का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा कि गायों से भरी किसी भी ट्रक के बारे में संघ वालों को पहले से ही जानकारी मिल जाती है और वे हथियारबंद होकर तैयार हो जाते है। प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बना रहता है। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि सत्ताधारी दल के इशारे पर यह सब हो रहा है और देश में बढ़ रहे अराजकता के माहौल के लिए वही जिम्मेदार है।
भारत पर हमले की तैयारी कर रहा चीन – मुलायम
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में अपने भाषण में कहा कि सरकार फिर वही गलती दोहरा रही है जो पंडित नेहरू ने 1962 में की थी। चीन भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है और भारत इसे खोखली धमकी मान रहा है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास की सबसे बड़ी गलती थी तिब्बत को चीन के हवाले करना। भारत को तिब्बत की आजादी का समर्थन करना चाहिए था। आज उसी तिब्बत की सीमा पर चीन भारी मात्रा में सैन्यबल और हथियारों के साथ युद्धाभ्यास कर रहा है। धीरे-धीरे वह पकिस्तान को भी कब्जे में ले रहा है और जम्मू-कश्मीर में उसका हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। वह चारों तरफ से भारत को घेरने की साजिश कर रहा है और हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की।