केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना ने कहा है कि भाजपा का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना विधानसभा चुनाव में 3 महत्वपूर्ण राज्य गंवाने के साथ ही टूट गया। पार्टी में मुख्यपत्र सामना के सम्पादकीय में कहा गया है कि अब नरेंद्र मोदी और अमित शाह किनारे हैं और राहुल गाँधी योग्यता का एक चमकता सितारा।
शिवसेना ने कहा है “नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में इन राज्यों ने बहुत ही बड़ा योगदान दिया था। लेकिन छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी का पतन हो चूका है और तेलंगाना भाजपा कांग्रेस से भी गई गुजरी हो गई है जबकि मिजोरम में पार्टी की स्थिति एक बिन्दु की तरह है।”
पांच साल पहले जब नरेंद्र मोदी को भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था उसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने जबरदस्त चुनाव प्रचार किया था इसके कारण भाजपा ने तीनों राज्य में शानदार सफलता हासिल की थी।
सम्पादकीय में कहा गया है कि “छत्तीसगढ़ को कांग्रेस ने भाजपा से छीन लिया। हालाँकि वहां रमन सिंह ताकतवर थे लेकिन भाजपा ने अजीत जोगी को आगे कर बांटो और राज करने की कोशिश की। उसी तरह मध्य प्रदेश में भी मामाजी शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र मोदी से कहीं ज्यादा लोकप्रिय थे। लेकिन कांग्रेस ने शेर की गर्दन दबोच ली और विजय रथ को रोक दिया।”
शिवसेना ने राजस्थान का जिक्र करते हुए कहा है कि वहां कांग्रेस आसानी से 140 सीटों तक पहुँच सकती थी लेकिन आपसी गुटबाजी ने पार्टी को 100 पर रोक दिया। लेकिन सरकार तो बन ही जायेगी।
सम्पादकीय में इन चुनाव परिणामो को भाजपा मुक्त भारत की दिशा में बढाया गया कदम बताया है। शिवसेना ने कहा है कि “भाजपा को लगता था जीत ही उसकी किस्मत है और कोई भी पार्टी उसके सामने नहीं टिक सकती लेकिन उसकी ये ग़लतफ़हमी दूर हो गई।”
शिवसेना ने बीजेपी पर पहली बार दोस्तों को पराजित करने का आरोप लगाया, और अब महत्वपूर्ण हिंदी-बेल्ट राज्यों को खो दिया। “अर्थव्यवस्था में गिरावट आई, किसानों को कठिनाइयाँ भुगतनी पड़ी, बेरोजगारी बढ़ी, मुद्रास्फीति बढ़ गई, और हर बार प्रधान मंत्री मोदी उच्च उड़ान वाले वैश्विक मामलों में व्यस्त थे।”
प्रधानमंत्री मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए सामना में कहा गया कि “राहुल गाँधी ने मुझे भारत माता की जय कहने से रोका” और “वो मंदिर बनाने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं” जैसे बेतुके बयानों से जनता में गलत सन्देश गया।”
नोटबंदी को भी भाजपा की हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सामना में लिखा गया “आरबीआई में सरकारी दखलंदाजी और नोटबंदी जैसे फैसलों को जनता ने महसूस किया और उसी का परिणाम था कि भाजपा की ये दुर्गति हुई।”