Sat. Nov 23rd, 2024
    शराब कारोबारी सुप्रीम कोर्ट

    शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में देरी को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केन्द्र सरकार व विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार के विधि अधिकारियों को माल्या के प्रत्यर्पण कार्रवाई में हो रही देरी का विस्तृत कारण बताने का भी निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार व विदेश मंत्रालय से शुक्रवार तक जवाब मांगा है। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट विदेश मंत्रालय के सचिव को समन भी भेज सकता है।

    गौरतलब है कि भगौड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या मार्च 2016 में भारत को छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे। विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के करीब 9000 करोड़ रूपये से अधिक का कर्ज बकाया है। विजय माल्या लंदन के 33 किमी उत्तर में स्थित एक गांव टेविन में एक विशाल 15 मिलियन डॉलर की हवेली में निवास कर रहे है।

    भारत की न्याय व्यवस्था पर ही सवाल उठाए

    आज लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में विजय माल्या धोखाधडी व मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर फिर से सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान माल्या के वकील ने भारत की न्याय व्यवस्था पर ही सवाल उठाए है।

    वकील ने सुप्रीम कोर्ट के बारे में कहा कि यह कभी-कभार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाती है। गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कुल 17 बैंको का कर्ज विजय माल्या के ऊपर है।

    पिछले हफ्ते वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट ने कागजी कार्रवाई में अंतराल के लिए भारत सरकार की आलोचना की थी। पूर्व राज्यसभा सदस्य व शराब कारोबारी विजय माल्या ने पिछले कुछ महीनों में लंदन के कई अदालतों में कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए है। विजय माल्या केस की सुनवाई के दौरान सीबीआई डायरेक्टर भी उपस्थित रहे।