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    भारतीय बैंकों से धोकाधडी के बाद लन्दन में रह रहे विजय माल्या को स्वदेश लाने की सरकार की कोशिशे जारी हैं। इसी बीच सेंट्रल लन्दन के वेस्टमिन्स्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट में विजय माल्या ने आज बड़ा खुलासा किया।

    अपने बयान में उन्होंने कहा, “मेरी जिनेवा में एक महत्वपूर्ण मीटिंग पूर्वनिर्धारित थी। मीटिंग के लिए रवाना होने से पहले मैंने वित्त मंत्री से मुलाक़ात की थी। बैंकों का कर्जा चुकाने के सन्दर्भ में मैंने अपनी बात उनसे कही। यहीं सच हैं।”

    भारतीय बैंकों से लिया कर्जा चुकाने में असफल होने के बाद मार्च 2016 से विजय माल्या ब्रिटेन में शरण लिए हुए हैं। जब माल्या देश से भागे तब उस समय वित्तमंत्री अरुण जेटली थे।

    अरुण जेटली-एक बार उनसे मुलाकात हुईं, जब वे(माल्या) राज्यसभा के सदस्य थे

    अरुण जेटली द्वारा जारी बयान के अनुसार,

    “यह(विजय माल्या द्वारा कही गयी) बात सरासर झूट हैं और इस बात से सच्चाई का पता नहीं चलता। 2014 में वित्तमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद मैंने उन्हें(माल्या) को कभी अपॉइंटमेंट नहीं दी इसलिए उनसे मुलाकात किए जाना अर्थहीन हैं।”

    “हालाँकि, जब विजय माल्या राज्य सभा के सदस्य थे और वे तब कभीकभार चर्चा में भाग लेते थे, उन्होंने एक बार उनके सदस्य के रूप में दिए गए आधिकारों का दुरुपयोग करते हुए मुझसे बात करने की कोशिश की। जब मैं सदन से अपने अपने कक्ष की ओर जा रहा था, तब उन्होंने मुझसे कहा की वे सेटलमेंट का ऑफर करनेवाले हैं।”

    “उनके ऑफर्स और कर्जे के बारें में पहले से जानकारी होने की वजह से मैंने उन्हें आगे बोलने का मौका न देते हुए कहा की मुझसे यह बात करना निरर्थक हैं और वह जाकर बैंक अधिकारीयों से बात करें।” इस घटना के अलावा हमारे बीच कभी बात नहीं हुईं हैं और न की मैंने मीटिंग के लिए उन्हें अपॉइंटमेंट कभी दी हैं।”

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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