गुजरात कांग्रेस के बड़े चेहरे शंकर सिंह वाघेला ने आज कांग्रेस से इस्तीफे का एलान किया है। उन्होंने कहा कि वो अपना आत्मसम्मान खोकर किसी पार्टी का हिस्सा नहीं रह सकते। अपने जन्मदिन आयोजन पर समर्थकों के बीच उन्होंने कहा कि अभी मैंने पार्टी छोड़ी नहीं है पर लगता है कि पार्टी ने मुझे पहले ही निकाल दिया है। मैं आप सबके सामने पार्टी से इस्तीफ़ा देने की घोषणा करता हूँ और पार्टी को इस अपराधबोध से मुक्त करता हूँ।
बता दें कि कल घोषित राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में गुजरात से क्रॉस वोटिंग की खबरें आने के बाद गुजरात कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शंकर सिंह वाघेला ने बगावती रुख अख्तियार कर लिया है।
भाजपा में लौटने की संभावना को नकारा, कहा ‘घर वापसी’ संभव नहीं
भाजपा में लौटने की सम्भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर वाघेला ने साफ़ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं कहीं भी चला जाऊंगा लेकिन वापस भाजपा में नहीं जाऊंगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने नेता विपक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है और राज्यसभा चुनावों के बाद वह कांग्रेस विधायक के पद से भी इस्तीफ़ा दे देंगे। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर उनके खिलाफ सियासी साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने ही कांग्रेस के 57 और एनसीपी के 2 विधायकों के वोट डलवाये, फिर बगावत करने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के इस आरोप से उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। उनका राजनीतिक जीवन गवाह रहा है कि उन्होंने कभी हार नहीं मानी। पार्टी के इस कदम पर उन्होंने कहा कि गुजरात का ये बापू चुप बैठने वालों में से नहीं है।
वहीं कांग्रेस ने अपने स्थानीय नेताओं से वाघेला के जन्मदिन आयोजन से दूर रहने को कहा है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वो आयोजन में शामिल होने वाले नेताओं पर अनुशासनहीनता के तहत कारवाई करेगी।