भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को जानकारी साझा की जिसमे इसने बताया की वर्ष 2018-19 की पहली तीन तिमाहियों में इसने कुल 79.51 अरब रुपयों के घाटों की पुष्टि की है। इसका मतलब इस साल पहली तीन तिमाहियों में इसके खातों में कुल 1.12 अरब अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी हुई है।
पूरी जानकारी :
आरटीआई के तहत मीडिया को यह जानकारी मिली है की इतनी बड़ी रकम की धोखाधड़ी में कुल 1885 केस थे। हालांकि एसबीआई ने यह रकम तो बता दी लेकिन यह नहीं बताया की इस धोखाधड़ी की वजह से ग्राहकों को कितना नुक्सान उठाना पड़ा है।
एसबीआई का बयान :
इस मुद्दे पर एसबीआई ने बयान दिया की ये धोखाधड़ी के केस मुख्यतः बड़ी रकम वाले एकाउंट्स में हुए हैं जिनमे नॉन परफार्मिंग एसेट थे। एसबीआई ने शुक्रवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि विभिन्न ऋण वसूली नियामक निकायों के माध्यम से वसूली के लिए रेसोलुशन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बतादें की कुछ समय पहले ही राज्य द्वारा संचालित पंजाब नेशनल बैंक में जब 2 अरब का घाटा हुआ तो इससे सार्वजनिक बैंक सकते में आ गए हैं। इससे बैंकों की ऑडिटिंग नीतियों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।