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    अहसान इक़बाल पकिस्तान अमेरिका

    अमेरिका ने हाल ही में चीनपाकिस्तान आर्थिक मार्ग पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह विवादित छेत्र से होकर गुजरता है। इस कथन के जरिये अमेरिका ने भारत का पक्ष लिया था। पाकिस्तान ने इस सन्दर्भ में कहा है कि अमेरिका को इस मामले को भारत के नज़रिये से नहीं देखना चाहिए।

    जाहिर है चीन की वन बेल्ट वन रोड योजना के तहत बनने जा रहा चीन-पाकिस्तान आर्थिक मार्ग जम्मू और कश्मीर से होकर गुजरता है। वर्तमान में इस इलाके पर पाकिस्तान का कब्ज़ा है जिससे भारत को आपत्ति है। इसी कारण से भारत ने चीन की इस योजना का समर्थन नहीं किया था।

    इसी सन्दर्भ में कुछ दिन पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा था कि यह मार्ग विवादित इलाके से होकर गुजरता है। इस बयान के जरिये अमेरिका ने चीन पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि किसी भी एक देश को ऐसे मामलों में फैसला नहीं करना चाहिए।

    अब पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री अहसान इक़बाल ने कहा है कि अमेरिका को इस मामले पर भारत का रवैया नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह योजना आर्थिक योजना का हिस्सा है और इससे देश में शान्ति और समृद्धि आएगी।

    पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक मार्ग किसी के खिलाफ साजिश नहीं है। यह कोई सुरक्षा योजना नहीं है। यह आर्थिक समृद्धि की एक योजना है जिसके तहत देश में ऊर्जा, निर्माण और अन्य छेत्र में निवेश लाया जायेगा।’

    पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में कई बार कड़वाहट देखने को मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्तर पर पाकिस्तान को आतंकवादियों का साथ देने वाला देश बताया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों देशों के बीच रिश्ते खत्म करने की बात कही थी।

    इसके विपरीत अब दोनों देश आपसी रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी ने हाल ही में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन में पाकिस्तान की ओर से शिरकत करते हुए अमेरिकी उप-राष्ट्रपति से मुलाक़ात की थी।

    इस मुलाक़ात में दोनों देशों ने एक-दूसरे का सहयोग करने की बात कही थी और कमजोर होते रिश्तों पर काम करने का फैसला किया था। अब अमेरिका का कश्मीर मुद्दे पर भारत का पक्ष लेने से इसमें फिर से दरार आती दिख रही है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।