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    transaction cost theory in hindi

    विषय-सूचि

    लेनदेन लागत की परिभाषा (transaction cost meaning in hindi)

    लेनदेन लागत के अंतर्गत वे खर्चे आते हैं जो एक फर्म को किसी वस्तु या सेवा की खरीद में उठाने पड़ते हैं। लेनदेन लागत को हम किसी वस्तु या सेवा को बाज़ार में लाने की लागत भी कह सकते हैं। लेनेदेन के बीच की लागत को संभालने के लिए एक पूरा उद्योग होता है।

    लेनदेन लागत का उदाहरण (examples of transaction cost in hindi)

    लेनदेन की लागत के कई उदाहरण होते हिं उनमे से एक कमीशन या दलाली है। कमीशन का मतलब वह मूल्य होता है जिसे हम डीलर को देते हैं जोकि हमारी वस्तुओं को बेचने में मदद करता है। इसके अलावा हम और भी उदाहरण ले सकते हिं ऐसे खर्चों का जोकि लेनदेन में अक्सर किये जाते हैं।

    लेनदेन लागत का कारण (transaction cost cause in hindi)

    लेनदेन लागत हमें तब करनी पड़ती है जब हम अपने ग्राहक के पास सीधे नहीं पहुँच पाते हैं एवं हमें अपनी वस्तु और सेवाएं किसी और के ज़रिये ग्राहकों तक पहुंचानी पड़ती है। ऐसा कई कारणों से होता है जैसे भोगोलिक अलगाव आदि। यदि हम उत्पादन एक देश में कर रहे हैं लेकिन हमारे ग्राहक दुसरे देश में हैं तो उन तक अपनी वस्तु या सेवाएं पहुंचाने के लिए हमें निश्चित ही लेनदेन के अंतर्गत कुछ अतिरिक्त खर्चे उठाने पड़ेंगे।

    लेनदेन लागत का सिद्धांत (transaction cost theory in hindi)

    लेनदेन लागत के सिद्धांत के अंतर्गत लेन-देन लागत का तात्पर्य फर्म के भीतर उपलब्ध कराए जाने के बजाय बाजार के माध्यम से कुछ अच्छी या सेवा प्रदान करने की लागत से है। अतः इससे हम यह समझ सकते हैं की जब हम अच्छी सेवा प्रदान करते हैं तो उसमे कुछ खर्चे होते हैं जिन्हें उठाने के बाद हम ज्यादा ग्राहकों तक पहुँच सकते हैं एवं इससे एक फर्म अपनी आय बाधा सकती है।

    लेनदेन लागत का उन्मूलन :

    जब लेन-देन की लागत कम हो जाती है, तो एक अर्थव्यवस्था अधिक कुशल हो जाती है, और अधिक पूंजी और श्रम धन का उत्पादन करने के लिए मुक्त हो जाती है।

    हम यह जानते हैं की ग्राहकों तक पहुँचने के लिए लेनदेन लागत ज़रूरी होती है लेकिन कभी कभी यह बहुत ज्यादा होती है इससे लाभ बहुत कम हो जाता है। अतः इसके उन्मूलन की ज़रुरत होती है।

    आज डिजिटल युग में संचार एवं संपर्क करना बहुत आसान हो गया है। ऐसे में यदि एक फर्म लेनदेन लागत का उन्मूलन करना चाहती है तो यह ज्यादा मुश्किल नहीं है। उन्मूलन करने से फर्म के लाभ भी बढ़ते है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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