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    लीबिया में संघर्ष

    लीबिया के अधिकारीयों ने कहा कि “पूर्वी इलाके में स्थित खलीफा हफ्तार की वफादार सेनाओं ने बीते दो दिनों में त्रिपोली के करीब हवाई हमलो को तीव्र कर दिया है।” हफ्तार की लिबयन नेशनल आर्मी ने राजधानी को अपने नियंत्रण में करने के लिए अभियान शुरू किया था।

    संयुक्त राष्ट्र मान्यता प्राप्त गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड के नियंत्रण में अभी त्रिपोली है और इसे अपने अधीन लेने के लिए हफ्तार ने 4 अप्रैल को आक्रमण करने के आदेश दिए थे। इसके बाद राजधानी के इर्द-गिर्द संघर्ष का संघर्ष का माहौल बना हुआ है।

    एलएनए ने सोमवार को अबू सलीम जिले में नवासी ब्रिगेड को निशाना बनाकर हमला किया था और यह मध्य त्रिपोली से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नवासी ब्रिगेड अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कई सम्वर्गीयों ने से एक है। शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित खाल्लेट अल फोर्जन, ऐन ज़ारा और अल तवैशा को भी निशाना बनाया गया था।

    निवासियों ने कहा कि “रविवार को पूरी रात उस इलाके में संघर्ष जारी था जो त्रिपोली से दक्षिण हिस्से में कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दोनों पक्षों ने तोपों और हवाई हमले किये थे।

    41 वर्षीय मोहम्मद अल ट्रापोल्सी “दोनों पक्षों की तरफ से घेरेबंदी के कारण हम निकल नहीं सकते हैं। हमारे घर तबाह हो चुके हैं हम इस इलाके को छोड़कर सुरक्षित स्थान तलाश करने की कोशिश कर रहे हैं।”

    त्रिपोली से अल जजीरा के महमूद अब्देलवाहेड ने कहा कि “एलएनए सोमवार को मध्य शहर के नजदीक पंहुच चुके हैं। खलीफा हफ्तार की वफादार अल सिड्रा की तरफ बढ़ रहे हैं जो त्रिपोली के मध्य शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। गवाहों ने बताया कि उन्होंने हफ्तार की सेना को सरकार की सेना से सड़कों और अधिक जनसँख्या वाले क्षेत्रों में लड़ते हुए देखा है।”

    बीते दो हफ्तों में हफ्तार की सेना ने मैदान हारा है और जीएनए की सरकार ने उन्हें खदेड़ दिया है। हारने के बाद हफ्तार की सेना ने हवाई हमले तेज़ कर दिए हैं। हालात अभी भी तनावपूर्ण है विशेषकर नागरिकों को लिए जो इन क्षेत्रों के नजदीक संघर्ष इलाकों में रहते हैं।”

    जीएनए के इंटीरियर मिनिस्टर फटही बषागा ने शुक्रवार को ऐलान किया कि हफ्तार के सैनिको के खिलाफ तैयारियां जारी है।

    अब्राहम लिंकन

    लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत ने हफ्तार का समर्थन करने के लिए मुल्कों को आगाह किया था और कहा कि उसके राजनीतिक एजेंडा को अधिकतर नागरिक समर्थन नहीं करेंगे।”

    ग़स्सान सलामे ने कहा कि वह कोई अब्राहम लिंकन नहीं है, वह लोकतंत्र समर्थक नहीं है लेकिन उनकी कुछ खूबियां हैं और वह देश को एकजुट करना चाहता है। लेकिन वह कैसे आगे बढ़ रहे हैं? उनके कृत्यों को देख रहे हैं, हम उनके तरीको को देखकर घबरा सकते हैं, जहां वह हुकूमत कर रहे हैं। वह नरमी से सरकार नहीं चला सकते हैं।”

    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को आंकड़े जारी कर बताया कि इसमें 278 लोगो की हत्या की गयी गयी और 1300 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी संगठन के मुताबिक त्रिपोली के दस्खिनी जिलों में संघर्ष के कारण 39000 लोग विस्थापित हुए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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