लालू यादव इस समय जेल में हैं और इसपर राजनीति गरमा गयी है। राबड़ी देवी ने सीबीआई से यह कहते हुए राहत की मांग की है कि लालू की तबियत खराब है तथा उनकी उम्र भी अब कुछ ज़्यादा हो गयी है ऐसे में उन्हें कोई एक आदमी चाहिए जो उनकी सहायता करे।
पटना में दस सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास के माहौल में उदासी है। पूरा परिवार बिखर सा गया है। लालू समेत परिवार के प्रत्येक सदस्य पर कानून का शिकंजा मानों अब कसता जा रहा है। लालू के होने से फिर भी पार्टी और घर में एक उत्साह रहता था लेकिन उनके जेल जाने से पार्टी का मनोबल टूट सा गया है। कार्यकर्ताओं में गहरी उदासी है।
हालाँकि राबड़ी अभी भी यह कह रही है कि उन्हें उम्मीद है कि नए साल पर उन्हें भगवान इन्साफ जरूर देंगे और कानून न्याय करेगा। राबड़ी ने पार्टी समर्थकों से शांति और एकजुटता बनाए रखने की अपील की है। बिहार में बिना रोक टोक के घूमने वाले लालू आज उस शेर की भांति दिख रहे है जो बूढ़ा हो चूका है, शिकार करने में लाचार है और पिंजरे में कैद है।
लालू की शक्ति मानों खो सी गयी है। कानून पर सदैव राज करने वाली पार्टी आज कानून के आगे विवश है। पार्टी नेताओं को भी कानून का पालन करना पड़ रहा है। सीबीआई कोर्ट की यह मार लालू को कसके पड़ी है। पार्टी नेताओं को लालू से मिलने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि पार्टी के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद के साथ रामचंद्र पूर्वे को भी जेल से खाली हाथ ही लौटना पड़ा, उन्हें जेल अधिकारीयों ने लालू से मिलने की इजाजत नहीं दी।
लालू अब भी लड़ाई का दम भर रहे है। वो अपने समर्थकों से शांति की अपील करते हुए इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की बात कह रहे है। फैसला आने के बाद लालू ने लिखा था कि “देश के न्यायप्रिय और शांतिप्रिय साथियों हर षड्यंत्र से बचना होगा। हर हाल में लड़ना होगा। विजयपथ पर चलना होगा। जय हिंद”
देश के न्यायप्रिय और शांतिप्रिय साथियों हर षड्यंत्र से बचना होगा। हर हाल में लड़ना होगा। विजयपथ पर चलना होगा। जय हिंद
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 23, 2017
अब भी लालू को विशवास है कि प्रदेश की जनता उनके साथ है। उन्होंने कवितामय ढंग से समूचे बिहारी समाज को इस लड़ाई में उनका साथ देने की याचना किया है। लालू ने लिखा है कि “साथ हर बिहारी है, अकेला सब पर भारी है, सच की रक्षा करने को लालू का संघर्ष जारी है। मरते दम तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ता रहूँगा। जगदेव बाबू ने गोली खाई, हम जेल जाते रहते है लेकिन मैं झुकूँगा नहीं। लड़ते-लड़ते मर जाऊँगा लेकिन मनुवादियों को हराऊँगा”
साथ हर बिहारी है
अकेला सब पर भारी है
सच की रक्षा करने को
लालू का संघर्ष जारी है।मरते दम तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ता रहूँगा। जगदेव बाबू ने गोली खाई, हम जेल जाते रहते है लेकिन मैं झुकूँगा नहीं। लड़ते-लड़ते मर जाऊँगा लेकिन मनुवादियों को हराऊँगा।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 23, 2017
इस मुश्किल घड़ी में बेटे तेजस्वी भी पिता को सहारा दे रहे है। उन्होंने सभी विपक्षियों को घेरते हुए कहा है कि “मज़बूत होने में मज़ा ही तब है जब सारे दुश्मन कमज़ोर करने पर तुले हो”
मज़बूत होने में मज़ा ही तब है
जब सारे दुश्मन कमज़ोर करने पर तुले हो— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 25, 2017
अपने पिता के साथ हुए इस घटना पर तेजस्वी ने यह कहते हुए सीबीआई पर हमला किया है कि उनके पिता का दोष बस इतना था कि वो एक गरीब परिवार से आते हुए भी सत्ता को हिलाने का सामर्थ्य रखते है।
लालू जी जिस वर्ण और ग़रीबी में पैदा हुए और जिस संघर्ष के दम पर सत्ता के स्थापित गलियारों को अपने दमख़म से हिलाया वहीं सबसे बड़ा घोटाला है और उसी की सज़ा भुगत रहे है। समझें!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 23, 2017