बिहार के यादव परिवार के सितारे आजकल गर्दिश में चल रहे हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों में पूरे परिवार के घिरने के बाद अब उनको मिलने वाली वीआईपी सेवाओं में कटौती की गई है। अपने हालिया निर्णय में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लालू यादव और राबड़ी देवी को पटना एयरपोर्ट की हवाई पट्टी के लिए मिलने वाले ‘डायरेक्ट एक्सेस’ पर रोक लगा दी है। बिहार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते दोनों को हवाई पट्टी का ‘डायरेक्ट एक्सेस’ मिला हुआ था।
विगत दिनों सीबीआई ने वर्ष 2006 में लालू यादव के रेलमंत्री कार्यकाल में 2 होटलों की देखरेख के एवज में पटना में जमीन लेने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें लालू यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इस सम्बन्ध में सीबीआई की टीम ने लालू यादव के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी और बेनामी सम्पति के मामलों में पूरे यादव परिवार को दोषी पाया था।
सब भाजपा करा रही है – लालू यादव
लालू यादव ने भाजपा पर बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है। भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है और इसके लिए उसने सीबीआई का सहारा लिया है। बिहार में महागठबंधन की बढ़ती ताकत को देख कर भाजपा आतंकित हो गई थी और महागठबंधन में फूट डालने के लिए ही उसने ये कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि आपसी बातचीत से हम मामला सुलझा लेंगे और महागठबंधन में इससे कोई फूट नहीं पड़ेगी।
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर दिल्ली पहुँच गये है। वह यहाँ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह का भी हिस्सा होंगे। वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से भी मिलेंगे। इस मुलाकात के बाद बिहार में महागठबंधन के भविष्य की रूपरेखा का निर्धारण होगा।