हैदराबाद के बहुचर्चित रोहित वेमुला सुसाइड केस की जाँच के लिए गठित न्यायिक आयोग की एक रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है। मंगलवार को आई जाँच रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित वेमुला पर कॉलेज प्रशासन का किसी तरह का दबाव नहीं था। उसने ख़ुदकुशी कॉलेज प्रशासन के दबाव में आकर नहीं बल्कि निजी वजहों से की थी। रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि रोहित कुछ निजी वजहों से परेशान रहा करता था। अपने सुसाइड नोट में भी रोहित ने किसी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया था। रोहित वेमुला के पास से बरामद हुए सुसाइड नोट के अनुसार, बचपन में वह अकेला रहता था और सब उसे कम काबिल समझते थे। बचपन से ही वह लोगों से कट चुका था और अकेलापन उसका साथी बन गया था। इस रिपोर्ट को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित न्याय आयोग ने जारी किया है जिसका गठन रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी की जाँच करने के लिए किया गया था।
बता दें कि रोहित वेमुला ने 17 जनवरी, 2016 को अपने कॉलेज हॉस्टल के कमरे में सुसाइड कर लिया था। रोहित वेमुला और उसके 4 अन्य साथियों पर एक एबीवीपी नेता को पीटने का आरोप लगा था। इस आरोप के बाद उन्हें नवंबर, 2015 में रोहित वेमुला समेत 5 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन झेल रहे सभी छात्रों को लेक्चर और रिसर्च जारी रखने की छूट थी। उन्हें कॉलेज हॉस्टल और कैंपस एरिया में रुकने की इजाजत नहीं थी। राजनीतिक दलों ने सभी छात्रों को दलित बताया था और इस घटना को जातिगत राजनीति से प्रेरित कहा था। इस घटना के बाद रोहित वेमुला की जाति को लेकर राजनीति शुरू हो गई थी और तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय को रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी का जिम्मेदार कहा गया। स्मृति ईरानी से इस्तीफे की मांग भी की गई थी और इस घटना की वजह से जनता के बीच ‘मोदी सरकार’ की भी बड़ी किरकिरी हुई थी।
रोहित वेमुला सुसाइड मामले की जाँच करने के गठित आयोग में इलाहाबाद उच्च न्यायलय के जज जस्टिस ए के रुपनवाल भी शामिल थे। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था। हालांकि उसकी मौत के बाद समर्थन कर रहे नेताओं और संगठनों ने रोहित व्रेमुला को दलित कहा था। इसी आधार पर उन्होंने दलित राजनीति का मुद्दा बनाकर भाजपा नेताओं और ‘मोदी सरकार’ को घेरना भी चाहा था। रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी से तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय का कोई लेना-देना नहीं है। रोहित वेमुला ने ख़ुदकुशी निजी कारणों से की थी और उसकी सुसाइड नोट भी इस बात की पुष्टि करती है।