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    वांग यी रोहिंग्या संकट

    रोहिंग्या संकट को कम करने के लिए चीन ने कदम आगे बढ़ाए है। म्यांमारबांग्लादेश के साथ मिलकर चीन रोहिंग्या संकट को कम करने में अहम भूमिका अदा करना चाहता है। चीन ने रोहिंग्या संकट का समाधान करने की पेशकश करते हुए कहा कि वह म्यांमार में जारी रोहिंग्या मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचारों को रोकने के लिए सरकार को सहयोग करेगा। ( रोहिंग्या मुस्लिम विवाद क्या हैं? )

    चीनी विदेश मंत्री वांग यी बांग्लादेश में पहुंचने के बाद वहां से रविवार को म्यामांर पहुंचे। यहां पर वांग यी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को म्यांमार के रखाइन प्रांत में गरीबी से लड़ने और क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना चाहिए।

    गौरतलब है कि बौद्ध बाहुल्य वाले म्यांमार में वहां की सेना की तरफ से किए गए अत्याचारों के कारण करीब 6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को देश छोड़कर बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। संयुक्त राष्ट्र संघ सहित दुनिया के कई देश भी रोहिंग्या संकट को खत्म करने की कोशिश कर रहे है।

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    हाल ही में रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी, म्यांमार नेता आंग सान सू की, राष्ट्रपति हटिन क्याव व म्यांमार सेना प्रमुख मिन आंग हलांग के बीच रोहिंग्या संकट को लेकर बैठक आयोजित हुई। इस दौरान रोहिंग्या संकट के मद्देनजर तीन चरण की योजना की रूपरेखा बनाई गई।

    • पहले चरण में म्यांमार में जारी संघर्ष पर विराम लगाया जाएगा। क्षेत्र में स्थिरता व शांति बहाल की जाएगी ताकि रोहिंग्या लोग क्षेत्र को छोड़ना बंद करे व शांति से रह सके।
    • दूसरे चरण में म्यांमार व बांग्लादेश में सभी पार्टियों के आदान-प्रदान को मजबूती प्रदान की जाएगी और समानता के आधार पर परामर्श से रोहिंग्या मुद्दे को सुलझाया जाएगा।
    • तीसरे चरण में म्यांमार के रखाइन प्रांत को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद ली जाएगी।

    रखाइन प्रांत के विकास को चीन तैयार

    चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन म्यांमार के रखाइन प्रांत के विकास के लिए मदद को आगे रहेगा। इस क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन और निवेश में वृद्धि करने में मदद करने के लिए हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आह्वान करते है। गौरतलब है कि रखाइन प्रांत में ही रोहिंग्या पर अत्याचार व हिंसा की गई थी।

    वहीं म्यांमार नेता सू की ने चीन और म्यांमार के बीच संबंधों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चीन और म्यांमार आकार और शक्ति में बहुत अलग हैं, लेकिन जब आपसी समझ की बात आती है, तो दोनों देश समान मूल्यों के दोस्त है।

    इससे पहले बांग्लादेश में चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि रोहिंग्या संकट एक जटिल स्थिति बन चुकी है व इसके व्यापक समाधान की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि रखाइन प्रांत के आर्थिक विकास के लिए चीन मदद करने को तैयार है।