भारत के त्रिपुरा राज्य में 31 रोहिंग्या मुस्लिमों को सीमा पार करते हुए हिरासत में लिया गया था। इस मामले पर बांग्लादेश के गृह मंत्री असदउज़्ज़मान खान ने कहा कि उनकी सरकार पर 31 रोहिंग्या शरणार्थियों को लेने का कोई सवाल ही नही उठता है। खबरों के मुताबिक बांग्लादेशी सीमा सुरक्षा फ़ोर्स ने जबरन इन शरणार्थियों को भारत की सरहद पार कराई थी।
बांग्लादेशी गृह मंत्री ने कहा कि रोहिंग्या को बांग्लादेश पर थोपना नही चाहिए। वो बांग्लादेश के नागरिक नही हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने पहले ही म्यांमार सीमा से भागकर आये रोहिंग्या मुस्लिमों की जिम्मेदारी उठा रखी है, लेकिन जो दूसरे इलाकों से भागकर आएंगे वो हमारी चिंता नही है। उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही 11 लाख रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं और वे प्रतिबंधित इलाकों में रह रहे हैं। हमारे ऊपर भारी वित्तीय बोझ है और हम भारतीय इलाको से प्रवेश कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों को रहने की अनुमति नही देंगे।
रोहिंग्या मुस्लिमों पर म्यांमार सरकार के पक्ष के बाबत मंत्री खान ने कहा कि “यह महत्वपूर्ण है कि वह इस मसले को हल करने के लिए पहल करें। यह उनका आंतरिक मामला है। कब तक यह रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में रहेंगे? म्यांमार सरकार को इस संकट के समाधान की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।” भारत और बांग्लादेश की सीमा पर शुक्रवार से 31 रोहिंग्या मुस्लिमो को गिरफ्तार किया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 बच्चों सहित 30 रोहिंग्या मुस्लिमों को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया था।
भारतीय सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश मौजूदा हालात के लिए एक दूसरे को कसूरवार ठहरा रहे हैं। दोनों ने आरोप लगाए कि रोहिंग्या शरणार्थियों को जबरन सीमा पार कराई जा रही है। 31रोहिंग्या शरणार्थियों का पहले मेडिकल चेकअप कराया गया और फिर उन्हें पश्चिमी त्रिपुरा जिला अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हाल ही कि रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष की शुरुआत से ही भारत से तक़रीबन एक हज़ार से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश की तरफ गए हैं।
म्यांमार में सेना की दमानकारी नीति अपनाने के बाद लाखो की संख्या में रोहिंगया मुस्लिम पड़ोसी देशों में भागे थे।