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    भारत अवैध घुसपैठ रोहिंग्या

    रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा पूरी दुनिया में छाया हुआ है। कुछ समय पहले ही म्यांमारबांग्लादेश के बीच में रोहिंग्या की घर वापसी को लेकर समझौता हुआ था। रोहिंग्या का मुद्दा सिर्फ इन दो देशों को ही प्रभावित नहीं कर रहा है बल्कि इसका असर पड़ोसी देश भारत पर भी पड़ रहा है।

    खुफिया रिपोर्टों से मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश व म्यांमार के अप्रवासी रोहिंग्या मुसलमान भारत मे अवैध तरीक से घुसने की कोशिश कर रहे है।

    रोहिंग्या को भारतीय सीमा में घुसपैठ करवाने के लिए दलालों और एजेंटों का अच्छा-खासा नेटवर्क बना हुआ है। इन दलालों में भारत में पहले से बसे हुए रोहिंग्या भी शामिल है।

    देश में सक्रिय दलालों के जरिए कोलकाता और गुवाहाटी जैसे बड़े शहरों में रोहिंग्या को घुसपैठ करवाने के लिए नकली भारतीय पहचान-पत्रों के साथ ही अन्य दस्तावेजों की मदद की जा रही है।

    जब से म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के ऊपर अत्याचार हुए है तब से ही वहां के लोग देश छोड़कर भारत व बांग्लादेश में आने को तैयार थे। भारत ने सुरक्षा कारणों की वजह से इन रोहिंग्या को मदद नहीं दी। वहीं अब लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर है।

    पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में हो रही घुसपैठ

    भारत को आशंका है कि रोहिंग्या मुस्लिमों के भारत में आ जाने से आंतकी गतिविधियां बढ़ सकती है। लेकिन पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों जो कि बांग्लादेश व म्यांमार की सीमा के पास है वहां से रोहिंग्या मुस्लिम गैर-तरीकों से भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश में लगे हुए है।

    इन लोगों की मदद करने के किए कोलकाता व गुवाहाटी जैसे शहरों में बड़ी संख्या मे दलाल बैठे हुए है। जो कि रोहिंग्या को अवैध तरीके से भारत में लाने के लिए नकली पहचान-पत्र व अन्य दस्तावेज बना रहे है।

    40,000 रोहिंग्या मुस्लिम देश में अवैध रूप से है

    खुफिया एजेंसियों द्वारा एकत्रित अनुमानों के मुताबिक, लगभग 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम देश में अवैध रूप से बसे हुए है। इनमें से 7096 जम्मू-कश्मीर में, हैदराबाद में 3059, मेवात (हरियाणा) में 1114, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1,200, दिल्ली (ओखला) में 1,061 और जयपुर में 400 रोहिंग्या मुस्लिम बसे हुए है।

    इनके अलावा भारत के केरल, कर्नाटक व तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी रोहिंग्या के अवैध तरीके से घुसने की योजना सामने आई है। वहीं जम्मू, हैदराबाद और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में भी रोहिंग्या प्रवासियों का नया समूह बनता हुआ दिखाई दे रहा है।

    राजनाथ सिंह बैठक में उठाएंगे रोहिंग्या मुद्दा

    गुरूवार को भारत के केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह  भारत-बांग्लादेश सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों/गृह मंत्री से बैठक में मुलाकात करेंगे।

    इस दौरान वे अवैध रूप से भारत में दाखिल हो रहे रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा बैठक में उठा सकते है।

    संभावना है कि राजनाथ सिंह मुख्य रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रोहिंग्या को लेकर बात करेंगे और राज्य पुलिस द्वारा इस अवैध नेटवर्क को खत्म किए जाने की मांग करेंगे। दरअसल इन क्षेत्रों में स्थानीय एजेंट ही रोहिंग्या अप्रवासियों की मदद करने में लगे हुए है।

    असम व बंगाल में बड़ी मात्रा में घुसपैठ

    पिछले कुछ समय में जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा असम और पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं। बीएसएफ ने भारत से लगती बांग्लादेश की सीमा पर करीबन 167 ऐसी जगहों का पता लगाया है, जहाँ से रोहिंग्या के घुसपैठ करने की संभावनाएं हैं। इन सभी जगहों पर भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गयी है, जिससे रोहिंग्या को देश में घुसने से रोका जाए।

    बीएसएफ ने इस मामले में केंद्र सरकार से कहा था कि रोहिंग्या भारत में मुख्य रूप से तीन जगहों से आ रहे हैं। इनमे असम का करीमगंज, पश्चिम बंगाल का दक्षिण दिनाजपुर और दक्षिण 24 पर्गानस शामिल हैं।

    बीएसएफ ने सरकार से यह भी कहा था कि इन सभी जगह नाकाबंदी के लिए करीबन 5000 सुरक्षाकर्मियों की और आवश्यकता है।