देशभर में मौजूद सभी 8500 रेलवे स्टेशन पर मार्च 2019 तक मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इन रेलवे स्टेशन में बड़े शहरों से लेकर छोटे और पिछड़े गाँव भी शामिल हैं। सरकार की यह योजना ‘डिजिटल इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी है। वाईफाई की इस पूरी योजना पर करीबन 700 करोड़ रूपए का खर्चा आएगा।
आपको बता दें कि अब तक देशभर में लगभग 216 बड़े रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है, जिसका फायदा रोजाना करीबन 70 लाख लोग उठाते हैं। सरकार का दावा है कि मुफ्त इन्टरनेट की वजह से लोगों को अपने कार्यों में सहायता मिलती है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ट अधिकारी नें बताया, “हमारी रोजाना की दिनचर्या में इन्टरनेट काफी अहम् है। हम यह सुविधा देशभर के सभी रेलवे स्टेशन पर मुहैया कराएँगे।”
इस योजना के सम्बंधित हाल ही में एक बैठक संपन्न हुई थी जिसमे यह फैसला लिया गया था कि करीबन 1200 रेलवे स्टेशन पूरी तरह से रेल यात्रियों को इन्टरनेट सेवा प्रदान करेंगे। इसके अलावा लगभग 7300 ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो ना सिर्फ रेल यात्रियों को इन्टरनेट देंगे, बल्कि आस-पास के गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराएँगे।
सरकार का मानना है कि आने वाले समय में यदि लोगों को इन्टरनेट की समझ नहीं होगी, तो वे रोजाना की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर सकेंगे। ऐसे में भारत सरकार की कोशिश है कि लोगों को इन्टरनेट के बारे में जानकारी दी जाए।
इसके बाद जब गाँवों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी, तब लोग इसकी मदद से डिजिटल बैंकिंग, आधार, टैक्स और अन्य बिल आदि का भुगतान कर सकते हैं। इसके साथ ही लोग ई-कॉमर्स वेबसाइट से घरेलु सामना भी खरीद सकते हैं।
हालिया स्थिति की बात करें तो सरकार का मानना है कि मार्च 2018 तक लगभग 600 नए रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी। इसके बाद मार्च 2019 तक सभी 8500 रेलवे स्टेशन पर यह सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।