देश में राष्ट्रवाद की लहर जगाने के लिए कुछ समय पहले सिनेमा थिएटर में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने के बाद अब केंद्र ने इसी तरह का नया फरमान जारी किया है।
इस नए निर्देश के अनुसार देश के 75 सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों के परिसर के भीतर में 100 फ़ीट ऊँचा तिरंगा फहराया जाएगा।
रेलवे बोर्ड ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी करते हुए ऐसे सभी रेलवे स्टेशन जिनकी वार्षिक आय 50 करोड़ रुपये से अधिक है, उन सभी से 31 दिसंबर 2018 से पहले रेल परिसर के भीतर लगभग 100 फ़ीट ऊँचा तिरंगा फहराए जाने के लिए कहा गया है।
रेलवे बोर्ड ने इसे रेलवे स्टेशन में एक ‘सुधार’ की तरह दर्शाया है। अकेले मुंबई में ऐसे कुल 6 रेलके स्टेशन हैं, जिनकी आय 50 करोड़ रूपये से अधिक है।
इन स्टेशनों में लोकमान्य तिलक टर्मिनस, सीएसएमटी, दादर, ठाणे, कल्याण व बांद्रा टर्मिनस शामिल हैं। इस प्रगति से जुड़े हुए एक अधिकारी ने बताया है कि सीएसएमटी के प्लेटफॉर्म संख्या 18 में यह तिरंगा स्थापित किया जाएगा।
रेलवे ने अपने सर्कुलर में कहा है कि तिरंगे पर रोशनी की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसी के साथ तिरंगे की रक्षा की ज़िम्मेदारी आरपीएफ़ को दी गयी है। इसी के साथ एक झंडे को स्थापित करने की अनुमानित लागत 9 लाख रुपये आँकी गयी है।
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि सरकार इसके जरिये ‘राष्ट्रवाद’ को बढ़ावा देना चाहती है।
गौरतलब है कि इसके पहले भी सरकार ने देश के प्रमुख बड़े रेलवे स्टेशन पर स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की प्रतिमाओं की स्थापना की थी। इसी के साथ ही अब ट्रेनों के फ़र्स्ट क्लास डब्बों को भी तिरंगे के रंग में रंगने का काम शुरू हो गया है।
आपको बताते चलें कि पेरिस में प्रथम विश्व युद्ध कि समाप्ति के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बोलते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एम्यूनल मैक्रोन ने बढ़ते तेज़ी से बढ़ते राष्ट्रवाद को ‘देशभक्ति के साथ विश्वासघात’ बताया है। इसके लिए मैक्रोन ने ट्रम्प और पुतिन को भी अपने भाषण के जरिये लपेटे में लिया है।
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