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    राम मंदिर

    संसद के शीतकालीन सत्र में मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के उद्देश्य से संघ, विश्व हिन्दू परिषद् और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने 9 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन किया है।

    इस रैली में 8 लाख लोगों के पहुँचने की उम्मीद जताई जा रही है। संघ के बड़े नेताओं के अलावा देश भर से संतों के भी पहुँचने की उम्मीद है।

    विश्व हिन्दू परिषद् और अखिल भारतीय संत समाज इस मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए सभी सांसदों को चिट्ठी लिखेगा। लोगों को इस मुद्दे पर संगठित करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद् और अखिल भारतीय संत समाज देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में रैलियों का आयोजन भी करेगा।

    सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि मुद्दे पर सुनवाई जनवरी 2019 तक टल जाने के बाद देश भर में हिंदूवादी संगठनों ने मंदिर निर्माण के लिए क़ानून बनाने की मांग तेज कर दी है। 9 दिसमबर को होने वाली महारैली सरकार पर दवाब बनाने की दिशा में एक कदम है।

    संघ ने पहले ही कहा था कि जरूरत हुई तो मंदिर निर्माण के लिए व्यापक आंदोलन किया जाएगा। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी मंदिर मुद्दे को धार देने 25 नवम्बर को अयोध्या जाने वाले हैं।

    कई राजनैतिक पार्टियों चाहती है कि कोर्ट को इस मुद्दे पर सुनवाई 2019 लोकसभा चुनाव के बाद करनी चाहिए क्योंकि चुनाव से पहले फैसला आने पर चुनाव प्रभावित होगा।

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 25 नवम्बर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में जनगढ़ रैली का आयोजन किया है।

    दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए अयोध्या पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंदिर निर्माण की और इशारा करते हुए कहा था कि लोग थोड़ा धैर्य रखें, मंदिर जरूर बनेगा।

    विपक्ष भाजपा पर इलज़ाम लगा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा के इशारे पर हिंदूवादी पार्टियां लगातार मंदिर निर्माण मुद्दा देश में उठा रही है जबकि भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस मंदिर निर्माण की राह में सबसे बड़ी बाधा है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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