पिछले साल की तुलना में इस साल सितंबर महीने में रेल यात्रियों की संख्या में कमी देखने को मिली है। यही वजह रहा कि टारगेट के हिसाब से रेलवे को 332 करोड़ रुपए की कम आमदनी हुई। यही नहीं फ्रेट से होने वाली आमदनी में भी कमी आई है। बावजूद इसके पिछले साल के मुकाबले इस साल रेलवे की आमदनी में इजाफा दर्ज किया गया है।
आप को जानकारी के लिए बतादें कि रेलवे विभाग ने लक्ष्य बना रखा था कि सितंबर माह तक कुल 68.29 करोड़ यात्री यात्रा करेंगे लेकिन रेलवे के जरिए यात्रा करने वालों यात्रियों की संख्या कुल 67.30 करोड़ ही रही।
आप को बता दें कि पिछले सितंबर महीने में 68.29 करोड़ यात्रियों ने रेल यात्रा की थी। ऐसे में रेलवे की ओर से तय की गई आमदनी में कमी देखने को मिली। इसके पीछे यह कारण रहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर माह तक 98 लाख लोगों ने रेल से यात्रा नहीं की।
रेलवे विभाग ने सितंबर माह तक 409 करोड़ 61 लाख रुपए की आमदनी का टारगेट तय किया था लेकिन सितबंर 2017 तक केवल 376.41 करोड़ रुपए की ही आमदनी हो सकी। इस प्रकार रेलवे की तय आमदनी के मुकाबले 332 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
रेलवे फ्रेट के जरिए भी अच्छी खासी कमाई करता है। पिछले साल सितंबर माह में रेलवे की कुल फ्रेट अर्निंग 763 करोड़ रुपए थी। लेकिन इस साल सितंबर माह में फ्रेट अर्निंग में 58.28 करोड़ रुपए कम कमाई हुई। रेलवे ने सितंबर 2017 में फ्रेट अर्निंग टारेगट 863 करोड़ रुपए तय कर रखा था लेकिन कुल 804 करोड़ रुपए की ही कमाई हो सकी।
अब आप सोच रहे होंगे कि रेल यात्रियों की संख्या घटने तथा फ्रेट आमदनी में कमी आने के बावजुद भी रेलवे विभाग की आमदनी में इजाफा कैसे हुआ। जी हां, आपका यह सोचना बिल्कुल सही है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि रेलवे के किराए में वृद्धि तथा बिना टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के खिलाफ सख्ती के चलते रेलवे विभाग फायदे में रहा।
हांलाकि रेलवे विभाग के इस अाधिकारी ने कहा कि रेलवे किराए में बढ़ोतरी करने के बाद भी कुछ ज्यादा आमदनी नहीं हुई है। रेल से यात्रा करने वालों की संख्या में कमी होना रेल मंत्रालय के लिए चिंता का विषय जरूर है।