रेल मंत्री पियूष गोयल के मुताबिक, रेलवे के फ्लेक्सी-फेयर योजना में बदलाव किया गया है। अब इस नई योजना के बाद से रेलवे में भी हवाई सफर की तरह ही छुट मिल सकेगी। मतलब साफ है, ट्रेनों में सीटें खाली रहने की स्थिति में 50 फीसदी तक डिस्काउंट देने की घोषणा की गई है।
रेलमंत्री ने आगे कहा, “हम अश्वनी लोहानी जी की बात मानेंगे, जैसे होटलों में कीमतें होती हैं। जैसे पहले कीमतें कम होती हैं, फिर कीमतें बढ़ जाती है और अंत में बचे हुए कमरों में विभिन्न वेबसाइट के जरिए ऑफर दिए जाते हैं।”
इसके लिए एक 6 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। रेलमंत्री ने कहा है कि रेल मंत्रालय हवाई जहाज और होटलों द्वारा दी जा रही सेवाओं को ध्यान में रखकर रेलवे ने ऐसा बदलाव किया है। इस समिति को यह काम पूरा करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है।
रेलवे आखिर क्यों दे रहा 50 फीसदी डिस्काउंट
रेलवे विभाग ने पिछले साल कुछ प्रीमियम रेलगाड़ियों के लिए फ्लेक्सी-फेयर सिस्टम लागू किया था। इस सिस्टम के चलते राजधानी रेलों के किराए में 50 फीसदी से ज्यादा की बढौतरी कर दी गयी थी। इसकी वजह से रेलवे ने पीक सीजन में मुनाफा तो खूब कमाया लेकिन रेल यात्रियों की संख्या घट गई। एक रिपोर्ट के अुनसार जनवरी-अक्टूबर 2017 के बीच कुल 1.34 लाख यात्रियों की संख्या कम हुई है।
बावजूद इसके वेस्टर्न रेलवे ने लगभग 54 करोड़ रूपए की कमाई की। पीक सीजन के दौरान प्रीमियम ट्रेनों के सेकंड एसी का किराया हवाई जहाज के किराए से भी महंगा हो गया था। ऐसे में रेलवे यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए सीजन के अनुसार टिकटों पर डिस्काउंट दिया जा रहा है।
इन तीन सीजनों के आधार तय होंगे टिकटों के दाम
गर्मी की छुटिटयों, एग्जाम सीजन तथा त्योहारों को देखते हुए रेलवे ने टिकटों की दरें घटाने-बढ़ाने के लिए तीन सीजन निर्धारित किए हैं…
- पीक सीजन : सुपर प्रीमियम ट्रेनों का किराया ज्यादा बढ़ेगा
- नॉन पीक सीजन : नॉन पीक सीजन में किराए में ज्यादा छूट दी जाएगी
- स्लैक सीजन : स्लैक सीजन में बेस रेट थोड़ी कम छूट मिलेगी।
रेलवे कमेटी का प्रस्ताव
रेलवे की 6 सदस्यीय समिति ने पैसेंजर एमेनिटीज, पंक्चुअल्टी और कैटरिंग सेवा के आधार पर ट्रेनों को तीन श्रेणी में बांटा है। सुपर प्रीमियम, प्रीमियम तथा नॉन प्रीमियम ट्रेन। कस्टमर्स फीडबैक और सालाना पंक्चुअल्टी 90 फीसदी से ज्यादा होगी उसे सुपर प्रीमियम ट्रेन की श्रेणी में रखा जाएगा, जबकि प्रीमियम ट्रेनों की पंक्चुअल्टी मात्र 80 फीसदी होगी। तीसरे स्थान पर नॉन प्रीमियम ट्रेनों को रखा गया है जिनकी पंक्चुअल्टी सबसे कम होगी।
किराए में ऐसे मिलेगी छूट
यात्रा की तारीख से दो दिन पहले तक यदि 50 प्रतिशत टिकट बिक चुके हैं तो हर 12 घंटे पर टिकट का किराया कम होता चला जाएगा, टिकट का किराया तब तक कम होता रहेगा जबतक चार्ट नहीं लग जाता। चार्ट लगने के बाद तथा ट्रेन के स्टेशन से खुलने से पहले तक टिकट में 10 फीसदी तक डिस्काउंट प्राप्त किया जा सकता है।
पीक सीजन के दौरान सुपर प्रीमियम ट्रेन में रेलवे के किराए में बढ़ोतरी होती रहेगी, जैसे पहली 10 प्रतिशत सीटों पर रेलवे टिकट का चार्ज बिल्कुल नॉर्मल रहेगा। लेकिन इसके बाद हर अगली 10 फीसदी सीटों के बुक होते ही किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती रहेगी।
राजधानी रेलों के कार्यकाल में भी बदलाव
रेलवे नें इसी के साथ राजधानी रेलों के समयसारिणी में भी बदलाव किये हैं। रेलमंत्री पियूष गोयल के मुताबिक, “वर्तमान में दिल्ली से मुंबई जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस रख-रखाव के लिए किसी स्टेशन पर रूकती है। ऐसे में अब इस रेल के रख-रखाव के लिए 22 दलों को यह जिम्मेदारी सोंपी जायेगी, जिससे यह जल्द पूरा हो सके। इसके बाद इस रेल को फिर से 2 या 3 घंटे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।”