Fri. Apr 26th, 2024
    ईधन आउटलेट्स

    केंद्र सरकार देशभर में मौजूद सभी तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के ऑयल रिटेल आउटलेट्स को पूरी तरह से स्वचालित करने की योजना बना चुकी है। इसके लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने टैंकरों के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक कुंजी (ई-कुंजी) सुविधा लागू की है।

    ई कुंजी के तहत डिपो से आउटलेट के लिए टैंकर ईंधन भरवाते समय डिपो द्वारा आॅयल आउटलेट्स के मोबाइल नंबर पर एक वनटाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा। इस प्रकार आउटलेट्स पर टैंकर तभी खुलेगा जब डिपो द्वारा भेजा गया वनटाइम पासवर्ड यूज किया जाएगा। दिसंबर 2018 तक देश में तेल विपणन कंपनियों के करीब 55,000 अतिरिक्त आउटलेट्स को पूरी तरह से स्वचालित बनाने की योजना बनाई गई है।

    पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन वित्तीय वर्षों तथा सितंबर के अंत में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान तेल में मिलावट के 3067 मामले तथा शॉर्ट डिलीवरी के 5,732 मामले दर्ज किए गए हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का मानना है कि ई-कुंजी सिस्टम से तेल मिलावट तथा चोरी जैसी विरूपता में कमी आएगी।

    गौरतलब है कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) के तहत दिल्ली में 40 रिटेल आउटलेट्स ई-कुंजी सि​स्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं। करीब 500 बीपीसीएल आउटलेट में ई-की सुविधा का विस्तार करने के लिए अगले साल की शुरूआत में एक निविदा आमंत्रित की जाएगी।

    सरकारी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि इस सिस्टम के जरिए आॅयल की निगरानी भी हो सकेगी, यह ई-की केंद्रीय सिस्टम को एक डेटा भी स्थानांतरित कर देगा।  वर्तमान में डीलर आउटलेटों के लिए टर्मिनलों से ईंधन ले जाने वाले टैंकरों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के साथ फिट किया जाता है।

    आप को बता दें कि जीपीएस के जरिए लोग रास्तों की हेराफेरी कर ईंधन चुराने जैसा काम करते हैं, लेकिन अब इस ई-कुंजी के तहत बिना वन टाइम ओटीपी पासर्वड के टैंकर खुल नहीं सकेंगे। ऐसें में अब ग्राहकों को शुद्ध और सटीक मात्रा में तेलों का वितरण किया जाएगा।

    पिछले कुछ सालों में चिप के जरिए ईंधन चोरी का मामला सामने आया है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सरकार ने ओएमसी को पूरी तरह से स्वाचालित करने के लिए निर्देश दिया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि आउटलेट्स पर आॅयल वितरण के दौरान इलेक्ट्रॉनिक चिप में हेराफेरी करते हुए पकड़े जाने के ​कारण करीब 103 आउटलेट बंद किए जा चुके हैं, यही नहीं, ओएमसी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की है।