संयुक्त राष्ट्र (UNO) की भूमिका सीमित
दिलचस्प बात यह है कि रूस इस समय सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष भी है। साथ ही वह संयुक्त राष्ट्र के 5 स्थायी सदस्यों में से एक है और उसे वीटो (Veto) करने का अधिकार भी है। अतः यह भी साफ़ हो गया कि इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र (UNO) की भूमिका बहुत हद तक सीमित है। हालांकि नाटो के सदस्य देश कई अन्य देशों के साथ अब इस पूरे मामले को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ले जाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि भारत पर अमेरिका और अन्य देशों के द्वारा अंतरराष्ट्रीय दबाव था कि भारत रूस के खिलाफ वोट करे लेकिन भारत ने तटस्थता की नीति को अपनाते हुए इस पूरे प्रकरण से खुद को दूर रखा। इसे भारत द्वारा रूस को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन के नजरिए से देखा जा रहा है।
क्या वजह हैं भारत के इस कदम के पीछे
गुट निरपेक्षता” (Non Alignment) और “तटस्थता” (Neutral position)
भारत दूसरे देश के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी ना करता है ना ही अपने अंदरूनी मामलों में किसी की दखलंदाजी पसंद करता है। भारत आज़ादी के बाद, जब द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पूरी दुनिया दो खेमें में बंटी थी, तब से ही अपनी “गुट निरपेक्षता” (Non Alignment) और “तटस्थता” (Neutral position) की नीति पर चलता रहा है।
हालाँकि संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टी एस त्रिमूर्ति (T S Trimurti)ने रूस के आक्रामक रवैया का अपने भाषणों में आलोचना की है। बकौल त्रिमूर्ति, किसी भी देश की संप्रभुता और अखंडता को हिंसा व आक्रामकता के जरिये तोड़ने की कोशिश एक गलत कदम है।
रूस से पुराने संबंध
अंतरराष्ट्रीय पटल पर रूस भारत का पुराना मित्र रहा है। कश्मीर को लेकर भारत-पाक विवाद हो या भारत-चीन सीमा विवाद; रूस ने भी भारत के आंतरिक मुद्दे पर भारत के प्रति तटस्थता ही रखी है जबकि यूरोपीय देश ने समय समय पर इन्ही मुद्दे के ऊपर भारत को घेरने की कोशिश की है।
भारत आज भी अपने रक्षा उपकरणों के लिए काफ़ी हद तक रूस पर निर्भर है। बताया जाता है आज भी भारत की सेना में लगभग 60% उपकरण रूस-निर्मित ही हैं। अभी हाल में ही तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने S-400 रक्षा-प्रणाली की खरीद की थी।
यूक्रेन (Ukraine) में फंसे छात्रों और नागरिकों की चिंता
भारत को यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों के सुरक्षा की चिंता है और इस बाबत भारत द्वारा रूस को अपने भरोसे में लेना जरूरी है। इस संबंध में भारत ने सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय चार्टर के अनुपालन की मांग की है।
यह भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन संकट : वैश्विक-राजनीति (Geopolitics) और वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) के लिए विकट चुनौती
भारत की नज़र दूरगामी कूटनीतिक प्रभाव पर
बीते दशक में भारत अमेरिका के नजदीक हुआ है जबकि उधर रूस के साथ चीन के सम्बंध प्रगाढ़ हुए हैं। भारत चीन के साथ अक्सर ही सीमा विवाद को लेकर परेशान रहता है जबकि रूस तथा अमेरिका शीत युद्ध काल से ही एक दूसरे के विरोधी रहे हैं।
ऐसे में भारत के लिए रूस के प्रति अपनी पुरानी दोस्ती साबित करने का एक मौका है जिसे भारत ने एक ही हफ्ते में दो बार अप्रत्यक्ष रूप से रूस का साथ देकर जताया भी है। भारत इस तरह से चीन और पाकिस्तान पर भी दवाब बना सकता है जिसमें रूस की भूमिका अहम हो सकती है।
कुल मिलाकर देखें तो भारत अपने सामरिक हितों को देखते हुए इस पूरे मामले पर प्रत्यक्ष रूप से तटस्थता को बनाये रखा है लेकिन निःसंदेह यह कहा जा सकता है अप्रत्यक्ष रूप से भारत अपने पुराने मित्र के साथ दिखाई पड़ता है।
भारत द्वारा परोक्ष रूप से मिल रहे इस समर्थन के लिए रूस ने भारत का धन्यवाद भी अदा किया है। जबकि यूक्रेन और अन्य पश्चिमी देशों ने भारत सहित चीन और यूएई के अनुपस्थिति पर निराश जाहिर की।
Highly appreciate India’s independent and balanced position at the voting in the UNSC on February 25, 2022.
In the spirit of the special and privileged strategic partnership Russia is committed to maintain close dialogue with India on the situation around Ukraine https://t.co/oKtElMLLRf
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) February 26, 2022
कहते हैं, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति में कोई किसी का स्थायी मित्र या स्थायी दुश्मन नहीं होता। एक राष्ट्र के रूप में आपको अपने हितों की रक्षा करने का प्रयास करना चाहिए और भारत ने अप्रत्यक्ष समर्थन कर के यही किया है।
यह जरूर है कि, भारत ने दुनिया को “बुद्ध” दिया है अतः “युद्ध ” का समर्थन किसी भी कीमत पर नही करना चाहिए और भारत के संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि मने अपने भाषणों में रूस के आक्रामक रवैया की आलोचना कर के दुनिया को यही संदेश देने की कोशिश की है।
फ़िलहाल रूस की सेना यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव (Kiev) के भीतर प्रवेश कर चुकी है और युद्ध जारी है। इसके दुष्परिणाम ना सिर्फ यूक्रेन या रूस को प्रभावित करेंगे बल्कि पूरी दुनिया को इसके लिए तैयार रहना होगा।