पाकिस्तान ने रूस से करीब 600 युद्ध तनकों को खरीदने की योजना बनायीं है, जिसमे रूस का टी-90 टैंक खरीदना भी शामिल है। ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान इन युद्ध तनकों की तैनाती भारत से लगी सीमा पर तैनात कर सकता है। पाकिस्तान भारत के करीबी दोस्त रूस पर नजर गडाए बैठा है।
टी 90 तनको को बेहद शक्तिशाली माना जाता है। यह टैंक भारत की सेना के समक्ष है। युद्ध तनको के आलावा पाकिस्तान की सेना 150 एमएम एसपी माइक-10 को भी खरीदने की तैयारी में जुटा हुआ है। इटली से पाकिस्तान अब तक 120 बंदूकों को भी खरीद चुका है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना कुल 245 बंदूकों को खरीदने पर विचार कर रही है।
ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान 360 युद्ध टैंक खरीदने की तैयारी कर रहा है, जबकि 260 तन्कोक का निर्माण चीन की मदद से देश में ही करना चाहता है। इन टैंको की खरीददारी के पाकिस्तान की नज़र रूस पर टिकी हुई है,वह चीन के सहयोग से रूस के साथ एक बड़ा समझौता करने में जुटा हुआ है।
बीते कुछ वर्षों से भारत और अमेरिका की दोस्ती बढ़ने के कारण अब पाकिस्तान भी रूस की तरफ रुख कर रहा है। चीन पहले ही रूस का काफी अच्छा सहयोगी है ऐसे में रूस से मदद मिलने में आसानी होगी। पाकिस्तानी सेना बख्तरबंद कोर को मज़बूत करने के लिए टैंक खरीदने में जुटा है।
मामले के जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान की थल सेना बख्तरबंद रेजिमेंट को चरणबद्ध तरीके से सशक्त कर रही है जबकि भारत में यह प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। भारतीय ससेना के बख्तर बंद रेजिमेंट में टी-90, टी-72 और अर्जुन टैंक शामिल है। इस स्थिति में भारत पाकिस्तान से कई कदम आगे हैं, लेकिन हम अभी भी चीन से पीछे हैं।
हालांकि पाकिस्तान खुद को सशक्त करने की तैयारी कर रहा है जो भारत के लियेब परेशानी हो सकती है। भारतीय थल सेना के पास 67 बख्तरबंद रेजिमेंट हैं,जबकि पाकिस्तान की थल सेना के पास 51 रेजिमेंट हैं। पाकिस्तान के 70 प्रतिशत टैंक रात में भी निगरानी की क्षमता रखते हैं।